बिहार : राजधानी में शराबबंदी को लेकर तेजी से काम करेंगे न? - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 नवंबर 2022

बिहार : राजधानी में शराबबंदी को लेकर तेजी से काम करेंगे न?

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पटना. राजधानी पटना में स्थित ज्ञान भवन में नशा मुक्ति दिवस  कार्यक्रम आयोजित था.शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशामुक्ति दिवस का उद्घाटन किया.अपने संबोधन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि शराब के असली धंधेबाजों को पकड़िये, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने पटना पर विशेष नजर रखने की बात करते हुए कहा कि पटना ठीक हो जाएगा तो पूरा बिहार ठीक हो जाएगा. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को मंच पर बुला लिया.पूछा कि यह बताइए कि राजधानी में शराबबंदी को लेकर तेजी से काम करेंगे न? एसएसपी ने कहा कि जरूर करेंगे.मुख्यमंत्री इस संदर्भ के साथ संबोधन कर रहे थे कि पटना में शराब का घंधा करने वाले असली लोगों की धरपकड़ तेजी से होनी चाहिए. आगे कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि 26 नवंबर 2011 से ही हमने मद्य निषेध दिवस मनाना शुरू कर दिया था. उस समय शराबबंदी नहीं लागू थी लेकिन लोगों को मद्य निषेध के प्रति हमलोग प्रेरित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में 90 प्रतिशत लोग अच्छे होते हैं, 10 प्रतिशत ही गड़बड़ करने वाले होते हैं. इन लोगों को ठीक करने के लिए सभी को प्रयासरत रहना है. गड़बड़ करने वालों पर पुलिस कार्रवाई भी करती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आयोजित कार्यक्रम में अलग रंग में दिखे. उन्होंने बार-बार बिहार के लोगों से शराबबंदी को सफल बनाने का अपील की. साथ ही वैसे लोगों पर भी वह भड़के जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लाए गए शराबबंदी कानून पर बार-बार बयान बाजी करते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो गड़बड़ करने में लगे हुए हैं कहीं न कहीं अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने साफ-साफ कहा कि वैसे लोगों को पकड़ने का काम कीजिए. नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने महिलाओं के कहने पर ही बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया था. कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं की ओर इशारा करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि शराबबंदी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार की महिलाओं को ही हुआ है.कुछ लोग अब महिलाओं को भी शराबबंदी के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे लेकिन वह उसमें सफल नहीं हो पा रहे.मुख्यमंत्री ने महिलाओं से कहा कि आपके कहने पर ही शराबबंदी कानून लाया गया है और अब आप लोग ही इसे सफल बनाएं.आपके आसपास में जो भी शराबी या शराब बेचने वाला दिखता है उसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दें और उसे पकड़वाने में सरकार की मदद करें. शराबबंदी के अनुपालन में उत्कृष्ट काम के लिए पटना के जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह सहित कई जिलों के डीएम, एसपी व मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों को सम्मानित भी किया.इस मौके पर मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार तथा पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने भी अपने विचार रखे.राज्य के सभी मुखिया को शराबबंदी के संबंध में भेजे गए मुख्यमंत्री के संदेश व मोबाइल संंदेश को भी जारी किया गया.  इन अधिकारियों को सम्मानित किया गया.केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष केएस द्विवेदी, सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक , संजय कुमार, मुजफ्फरपुर के डीएम प्रणव कुमार, गया के डीएम त्याग राजन एसएम, मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार वर्मा, गोपालगंज के डीएम डा. नवल किशोर चौधरी, एसएसपी मुजफ्फरपुर, जयंत कांत, गया की एसएसपी हरप्रीत कौर, सारण के एसपी संतोष कुमार, भागलपुर प्रमंडल के उपायुक्त मद्य निषेध, संजय कुमार, रोहतास की प्रभारी सहायक आयुक्त मद्य निषेध, अमृता कुमारी व पटना के प्रभारी सहायक आयुक्त किशोर कुमार साह. कार्यक्रम को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी एसके सिंघल व अपर मुख्य सचिव मद्य निषेध, केके पाठक ने भी संबोधित किया. वहीं नागरिक सुरक्षा कोर से प्रशिक्षण प्राप्त दयाल शरण का कहना है कि वर्तमान समय में बिहार में शराबबंदी लागू है.इसका विपरित असर बच्चों पर पड़ा है.बड़ी संख्या में बड़े और बच्चे नशा कर रहे हैं.आसान शब्दों में कहें तो बच्चों में नशा की लत बढ़ी है.इसके लिए बच्चे सभी प्रकार की नशा का सहारा ले रहे हैं.अज्ञानता के अभाव के चलते उस दलदल में फंसते जा रहे हैं.इससे उनकी सेहत और करियर पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है.खपत अधिक होने से अवैध तस्करी भी जमकर हो रही है. बताया गया कि संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा ड्रग एंड क्राइम पर 2021 में एक रिपोर्ट जारी की गई थी.जिसमें कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए गए थे. ये रिपोर्ट मुख्य रूप से इस बात पर केंद्रित थी कि कैसे महामारी ने युवाओं में ड्रग्स की तस्करी के अप्रत्याशित खतरों को बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम किया है.


• रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार पिछले साल दुनिया भर में लगभग 275 मिलियन लोगों ने नशीली दवाओं का इस्तेमाल किया, जिनमें से 36 मिलियन से अधिक लोग नशीली दवाओं के उपयोग से पीड़ित थे.

• हालांकि, रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि पिछले 24 वर्षों में दुनिया भर में कैनबिस की शक्ति चार गुना तक बढ़ गई है जो कि खतरे का संकेत है.

• पहले भांग या मारिजुआना की उत्पत्ति मध्य और दक्षिण एशिया हुआ करती थी.

• नशीले पदार्थों के उपयोग के कारण होने वाली बीमारी के सबसे बड़े बोझ के लिए ओपियोइड्स का खाता जारी है.

• 2010 से 2019 के बीच नशीली दवाओं का उपयोग करने वालों की संख्या में 22% की वृद्धि हुई है.

• भांग में प्रमुख रूप से 9-THC पाया जाता है जो कि लंबे समय में मानसिक स्वास्थ्य विकारों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है.

• एशिया में, चीन और भारत मुख्य रूप से 2011-2020 के दौरान विश्लेषण किए गए 19 प्रमुख डार्कनेट बाजारों में बेची जाने वाली दवाओं के शिपमेंट से जुड़े हुए हैं.

• इंटरनेट और ऑनलाइन बिक्री ने दवाओं के बाजार को पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया है.डार्क वेब पर ड्रग्स का बाजार सालाना 315 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.

• महामारी के कारण दुनिया भर में 100 मिलियन से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में गिर गए हैं और 2020 में लगभग 255 मिलियन नौकरियां चली गई हैं.


नशामुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। हमलोग बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू करा रहे हैं। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत शराब के धंधे से जुड़े लोगों को दूसरा काम शुरू करने के लिए सहायता दी जा रही है.काफी संख्या में लोगों ने इसका लाभ उठाया है.शराबबंदी के प्रति लोगोंका जागरूक होना जरूरी है.समाज सुधार अभियान निरंतर जारी रखना है.राज्य भी आगे बढ़ेगा और सबकी तरक्की होगी।  नीतीश सरकार की लखपति स्कीम है.शराब की होम डिलीवरी करने या ताड़ी बेचने वाले अगर ये काम करना छोड़ दें.तो बिहार सरकार उन्हें 1 लाख रुपये रोजगार करने के लिए देगी. बस ये समझ नहीं आया कि अगर कोई सामने से आकर कहेगा कि, हम शराब होम डिलीवरी करते हैं तो वो पहले गिरफ्तार होगा या 1 लाख रुपये कमाएगा?   अभिमंयु कहते है कि जमकर मुसहरी में शराब उत्पादन व बिक्री हो रहा है?यह पुरस्कार पर ही प्रश्नचिन्ह है?गंगा व सोन किनारे जमकर शराब बिक रहा है.मुसहरी तो शराब उत्पादन व बिक्री का हब बना हुआहै.कुटीर उद्योग की तरह फल फूल रहा है.आखिर पुरस्कार देने का क्या मापदण्ड है ?समझ से परे?यही वजह है कि बिहार बर्बाद हो रहा है?  मुसहरी ही नहीं साहब ! विदेशी शराब चप्पे चप्पे पर बिक रहा है.एक रिंग करने से बेहिसाब विदेशी शराब चरण पर आ जाएगी.शराब के असली धंधेबाजों को पकड़िये,मुसहरी में पुलिस जाकर बेजुबान मुसहरों को पकड़ जेल भेजकर खानापूर्ति करते रहते है.दीघा मुसहरी में रहने वाले विफन मांझी रद्दी कागज चुनता है.उसे दीघा थाना पुलिस शराब व्यापारी बनाकर जेल भेज दी.वह एक बार नहीं दो बार व्यापारी बनाया जा चुका है.इस समय आदर्श कारा बेऊर में है.

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