बिहार : लोगों को मिलकर एक नया विकल्प बनाना होगा : प्रशांत किशोर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 7 नवंबर 2022

बिहार : लोगों को मिलकर एक नया विकल्प बनाना होगा : प्रशांत किशोर

  • जन सुराज पदयात्रा के 37वें दिन पश्चिम चंपारण के बैरिया प्रखंड में प्रशांत किशोर का जन संपर्क

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बैरिया, पश्चिम चंपारण, जन सुराज पदयात्रा के 37वें दिन आज प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ पश्चिम चंपारण जिले के बैरिया प्रखंड स्थित पदयात्रा कैंप से चलकर बघेमपुर,पुजाहा, रनाहा, सूर्यापुर, मलाही टोला, पखनाहा, नौका टोला, करवा टोला होते हुए नंदपुर पंचायत पहुंचे। पदयात्रियों ने यहां रात्रि भोजन और विश्राम किया। इस दौरान वे और उनके साथ चल रहे सैकड़ों पदयात्रियों ने लगभग 18 किमी का सफर पैदल चलकर तय किया। आज के दिन की शुरुआत बैरिया प्रखंड स्थित पदयात्रा कैंप में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। प्रार्थना के बाद प्रशांत किशोर ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोग कोई दल नहीं बना रहें हैं, बल्कि हमारा प्रयास है कि बिहार की हालिया स्थिति को बदलना है तो बिहार के लोगों को मिलकर एक नया विकल्प बनाना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को अपनी समस्याओं से निजात पाने के लिए अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से मिलकर दल बनाना होगा। जिसकी अगुवाई कोई प्रशांत किशोर नहीं बल्कि दल द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से सबसे योग्य व्यक्ति करेगा। 


जनता ने बटन दबाकर जिसे नेता बनाया है, वो जनता से बचने के लिए सुरक्षा लेकर चलते हैं

जन सुराज पदयात्रा के दौरान पश्चिमी चंपारण के पतजीरवा पंचायत स्थित माता मंदिर प्रांगण में प्रशांत किशोर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "जिसको आपने बटन दबाकर राजा बनाया है, वो रात में आना तो छोड़ दीजिए अब दिन में भी जनता से भेंट करने के लिए नहीं आते हैं, और जब आते हैं तो हेलीकॉप्टर से ही आते हैं। इतना बड़ा मंच लगा होता है कि आम जनता से तो भेंट हो ही नहीं पाती। उन्होंगे आगे कहा कि जिस जानता ने बटन दबाकर उन्हें नेता बनाया है उनके ही पैसे पर सुरक्षा के नाम पर आम जनता को पुलिसकर्मी डंडा मारते हुए ढिंढोरा पीटते हुए आते हैं कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक जी आए हुए हैं। जिस आम जनता ने वोट दिया है उसकी तो नेता से भेंट होती ही नहीं है। जब नेता आप लोगों से मिलेंगे ही नहीं, तबतक कैसे वो आपके कष्ट और समस्याओं को जान पाएंगे और उसका समाधान कर पाएंगे। पदयात्रा में हम पिछले 37 दिनों से निरंतर पैदल चल रहें हैं, सुरक्षा के नाम पर मेरे पास न कोई सिपाही है और ही न मुझे किसी ने मारा न ही कोई नुकसान पहुंचाया है। पदयात्रा पर निकले हैं ताकि लोगों की समस्या कुछ समझ कर, उसके निराकरण के लिए उस पर काम कर सकें।"

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