- मुलायम सिंह जी का काफ़ी लंबी बीमारी के कारण 10 अक्टूबर 2022 को मेदांता अस्पताल गुरुग्राम में निधन हो गया

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साल 2023 के लिए 106 पद्म पुरस्कारों की सूची को मंजूरी दी है। इसमें 6 लोगों को पद्म विभूषण, 9 लोगों को पद्म भूषण और 91 लोगों को पद्म श्री से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है। गौरतलब है कि पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वाेच्च नागरिक पुरस्कार है। इन पुरस्कारों का ऐलान 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत मिले पद्म विभूषण सम्मान के बाद एक नई राजनीतिक बहस छिड़ गई है। समाजवादी पार्टी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव भारत रत्न योग्य थे. लेकिन उनको पद्म विभूषण देकर उनका मजाक बनाया गया है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण का सम्मान देकर उनके व्यक्तित्व और देश के प्रति किए गए योगदान का मजाक उड़ाया है। नेता जी को अगर सम्मानित करना ही था तो भारत रत्न के सम्मान से सम्मानित करना था। ये भाजपा की घटिया सोच दर्शाता है। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात संयुक्त प्रांत उत्तर प्रदेश नाम से जाना जाने लगा। 26 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत के प्रधान गोविंद वल्लभ पंत राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। उत्तर प्रदेश में अब तक 20 व्यक्ति मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इन 20 व्यक्तियों के अतरिक्त, तीन व्यक्ति राज्य के कार्यकारी मुख्यमंत्री भी रहे हैं । जिनका कार्यकाल बहुत छोटा है। वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं जो कि 19 मार्च 2017 से इस पद पर आसीन हैं। राज्य में चार बार मायावती ने मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण लिया है। सबसेे ज्यादा दिनों तक मुख्यमंत्री रहने रिकॉर्ड उन्हीं के नाम हैै। वहीं मुलायम सिंह यादव तीन बार मुख्यमंत्री बने। बता दें कि मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गाँव में हुआ था। उनका मां मूर्ति देवी व पिता सुघर सिंह यादव हैं। यह किसान परिवार है। मुलायम सिंह यादव अपने पाँच भाई-बहनों में रतनसिंह यादव से छोटे व अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह और कमला देवी से बड़े हैं। प्रोफेसर रामगोपाल यादव इनके चचेरे भाई हैं।पिता सुघर सिंह उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे किन्तु पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवंतनगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम०ए०) और बी० टी० करने के उपरान्त इन्टर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और सक्रिय राजनीति में रहते हुए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। पहली बार जनता दल से 1989 चुनाव में जसवंतनगर विधानसभा से चुनाव जीते। दसवीं विधानसभा सत्र के मुख्यमंत्री बने। 05 दिसंबर 1989 से 24 जून 1991 तक कुल 1 वर्ष, 201 दिन दिन मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे। दूसरी बार जसवंतनगर विधानसभा से ही चुनाव लड़े। बारहवीं विधानसभा सत्र के मुख्यमंत्री बने। 4 दिसम्बर 1993 से 03 जून 1995 तक कुल 1 वर्ष, 181 दिन मुख्यमंत्री पद पर रहे। इस बार समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े थे। समाजवादी पार्टी से गुन्नौर विधानसभा से चुनाव लड़े। चौदहवीं विधानसभा सत्र में 29 अगस्त 2003 से 13 मई 2007 तक कुल 3 वर्ष, 257 दिन मुख्यमंत्री रहे। बताते चले कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को 28 मई, 2012 को लंदन में ‘ अंतर्राष्ट्रीय जूरी पुरस्कार ‘ से सम्मानित किया गया। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ़ जूरिस्ट की जारी विज्ञप्ति में हाईकोर्ट ऑफ़ लंदन के सेवानिवृत न्यायाधीश सर गाविन लाइटमैन ने बताया कि श्री यादव का इस पुरस्कार के लिये चयन बार और पीठ की प्रगति में बेझिझक योगदान देना है। उन्होंने कहा कि श्री यादव का विधि एवं न्याय क्षेत्र से जुड़े लोगों में भाईचारा पैदा करने में सहयोग दुनियाभर में लाजवाब है। एक राजनेता एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे। वे भारत के रक्षामंत्री भी रह चुके हैं। वे मूलतः एक शिक्षक थे किन्तु शिक्षण कार्य छोड़कर वे राजनीति में आये थे। तथा समाजवादी पार्टी बनायी थी। नेताजी को 26 जनवरी 2023 की पूर्व संध्या पर पद्म विभूषण से भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर राव मोदी जी के द्वारा सम्मानित किया गया। इसको लेकर नेताजी की बड़ी बहू डिंपल यादव ने कहा कि भारत के दूसरे सर्वाेच्च नागरिक सम्मान मिलने से नाखुश है। मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस तरह नेताजी का कद था, उससे उन्हें पहले ही भारत रत्न मिल जाना चाहिए था। मेरा सरकार से अनुरोध है कि नेताजी को भारत रत्न मिले। यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री और देश के रक्षामंत्री रहे दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण पुरस्कार की जगह सपाइयों ने भारत रत्न दिए जाने की मांग की है। सपा नेताओं की इस मांग का बहू डिंपल यादव, शिवपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी समर्थन किया।बता दें कि छह लोगों को पद्म विभूषण मिलने वालों में मुलायम सिंह यादव (मरणोपरांत), श्री बालकृष्ण दोशी (मरणोपरांत) , दिलीप महालानबिस (मरणोपरांत),जाकिर खान ,एसएम कृष्णा और श्रीनिवास वर्धन हैं। वहीं नेताजी की छोटी बहू अपर्णा यादव ने पद्म विभूषण मिलने पर कहा ‘ भारत सरकार द्वारा देश के पूर्व रक्षामंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय मुलायम सिंह यादव, पूजनीय पिता जी को पद्म भूषण पुरस्कर से विभूषित किए जाने पर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत करती हूं ‘। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत मिले पद्म विभूषण सम्मान के बाद एक नई राजनीतिक बहस छिड़ गई है. समाजवादी पार्टी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव भारत रत्न योग्य थे. लेकिन उनको पद्म विभूषण देकर उनका मजाक बनाया गया है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण का सम्मान देकर उनके व्यक्तित्व और देश के प्रति किए गए योगदान का मजाक उड़ाया है। नेता जी को अगर सम्मानित करना ही था तो भारत रत्न के सम्मान से सम्मानित करना था। ये भाजपा की घटिया सोच दर्शाता है.
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