डॉ. हंसराज सुमन ने आप पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन से इस्तीफा दिया । - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 जनवरी 2023

डॉ. हंसराज सुमन ने आप पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन से इस्तीफा दिया ।

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नई दिल्ली, आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने सोमवार को शिक्षक संगठन से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक व केबिनेट मंत्री श्री गोपाल राय को भेज दिया है। श्री गोपाल राय को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन - दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (दिल्ली विश्वविद्यालय) में बतौर अध्यक्ष पद पर था। इस संगठन में मैंने  लगभग ढाई साल से अधिक समय तक अपनी सेवाएँ दी हैं और संगठन का विस्तार करते हुए तथा दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था विद्वत परिषद में दो सदस्यों को सभी पदासीन शिक्षकों के सहयोग से जीताकर लाया था। इससे विश्वविद्यालय में संगठन की साख बनी और डीटीए के द्वारा किए गए कार्यों की शिक्षकों ने सराहना की। संगठन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यक्रम किये गए , कार्यक्रम के बाद संगठन से बहुत से शिक्षक जुड़े। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि  डीटीए संगठन भले ही छोटा था लेकिन शिक्षकों के बीच रहकर उनके मुद्दों को उठाना व उनकी समस्याओं का समाधान करना मेरी पहली प्राथमिकता थीं। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, इसी बीच एक शिक्षक संगठन के लोगों ने आम आदमी पार्टी को ज्वाइन किया और उसके कुछ समय बाद आपके नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर नया शिक्षक संगठन बना। इस नये संगठन में बहुत से शिक्षकों को शामिल किया गया हमारे संगठन से दो शिक्षक लिए गए, यहाँ पर भी बतौर डीटीए अध्यक्ष मुझसे न तो सलाह ली गई न ही मुझसे कुछ पूछा गया। इस संदर्भ में जब मैंने आपसे बात की तो आपने दिल्ली प्रदेश का नेतृत्व देने को कहा इसको भी छह महीने व्यतीत हो गए और अभी तक निर्णय नहीं लिया गया । संगठन द्वारा निर्णय न लिए जाने के कारण ही अपने पद और सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ ।  डॉ. सुमन ने अपना इस्तीफा दिया जाने के विषय में यह भी बताया है कि डीटीए समाप्त होने के बाद भी मैं बिना किसी संगठन के कार्य करता रहा लेकिन शामिल हुए शिक्षक सदस्यों द्वारा विद्वत परिषद व कार्यकारी परिषद ( एसी/ईसी )  के उम्मीदवारों के चयन में मुझसे कोई संपर्क नहीं किया और न ही किसी बैठक व कार्यक्रम में बुलाया गया। एसी/ईसी चुनाव के संदर्भ में मैंने कुछ मुद्दों को शिक्षकों के सामने रखने को कहा था मगर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों के कारण विश्वविद्यालय के शिक्षक उन्हें जानते है और उनके लिए सदैव खड़े रहे है ।  ये मुद्दे दिल्ली विश्वविद्यालय में सामाजिक न्याय रोस्टर और आरक्षण से संबंधित थे, जैसे - डीयू में एससी/एसटी का बैकलॉग व शॉर्टफाल पूरा कराने, प्रोफेसर काले कमेटी की रिपोर्ट लागू कराने, शिक्षकों के पदों पर डीओपीटी के निर्देशानुसार (2 -7 -1997) रोस्टर तैयार कर पदों को भरने के लिए डीयू पर दबाव बनाने, ईडब्ल्यूएस आरक्षण जनवरी 2019 से लागू करने, दिल्ली सरकार के कॉलेजों में प्रिंसिपल के पदों पर आरक्षण लागू करवाने, पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों को समय पर सैलरी दिलाने, उनका बकाया एरियर दिलाने ,  दिल्ली सरकार के कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी में सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व देने इत्यादि मुद्दों पर बात की, परन्तु इन मुद्दों की उपेक्षा करने के साथ-साथ मेरी कोई बात नहीं मानी गई। उन्होंने यह भी बताया कि बैठकों में मुझे बुलाया नहीं जाता था और एकतरफा निर्णय ले लिया जाता रहा ।  पिछले तीन महीनों से किसी भी बैठक में न बुलाना, हर स्तर पर मेरी उपेक्षा करने के कारण इस संगठन व उनके पदाधिकारियों तथा उनकी कार्यशैली से मेरा मोहभंग हो गया है, मेरे साथ कार्य करने वाले भी अपने को अकेला महसूस करने लगे । इसलिए संगठन के एक सक्रिय सदस्य के रूप में अपनी उपेक्षा स्वीकार न करते हुए मैं संगठन के सभी दायित्वों से इस्तीफा दे रहा हूँ  आज के बाद से मेरा नाम संगठन या इससे संबंधित कहीं प्रयोग न किया जाए। दिनांक 30/01/2023 से अपने को आप ( AAP) शिक्षक विंग से पूर्ण मुक्त मानते हुए संगठन से इस्तीफा दे रहा हूँ। 

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