नई दिल्ली. इस साल 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा में चुनाव होने वाले हैं. मौजूद वक्त में यहां पर अभी कांग्रेस की सरकार है. यहां भूपेश बघेल मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे हैं. छत्तीसगढ़ में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 2023 में खत्म हो रहा है. यहां नवंबर से पहले चुनाव होने की संभावना है. बीजेपी और कांग्रेस अभी से ही अपनी तैयारियों में जुट गई है. बताया जाता है कि कांग्रेस 15 साल से शासन में है. बावजूद इसके छत्तीसगढ़ में बीजेपी की स्थिति खराब है और भूपेश बघेल का मुकाबला करने के लिए बीजेपी के पास कोई नेता भी नहीं है.इस बार बीजेपी ध्रुवीकरण करने का प्रयास शुरू कर दिया है.इस क्रम में ईसाई आदिवासियों को जबरन हिंदू जीवन शैली में परिवर्तित करने का एक संगठित प्रयास किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अधिकारियों के साथ मिलीभगत से ईसाइयों के खिलाफ हिंसा का अभियान चल रहा है. छत्तीसगढ़ के सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों नारायणपुर और कोंडागांव में 9 दिसंबर 2022 से ईसाइयों और उनकी संस्थाओं पर हमले हुए हैं, और 1000 से अधिक आदिवासी ईसाइयों - जिनमें गर्भवती महिलाएं, बच्चे और वृद्ध व्यक्ति शामिल हैं - को उनके पैतृक घरों से अत्यधिक पूर्वाग्रह और क्रूरता से बेदखल कर दिया गया है यह हिंसा.यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि न केवल उन्हें स्थानीय लोगों द्वारा बेदखल कर दिया गया था, बल्कि उन पर हमला भी किया गया था, उनके पूजा स्थलों और घरों में तोड़फोड़ की गई थी, उनकी फसल को जला दिया गया था या लूट लिया गया था, और उनके पशुधन और जीने के सभी साधन छीन लिए गए थे. उनमें से कई को कड़ाके की ठंड में जंगलों की ओर भागना पड़ा. उनमें से कई को बेरहमी से पीटा गया था और उन्हें गंभीर चोटें, यहां तक कि फ्रैक्चर भी हुए हैं, जिन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है। स्थानीय अधिकारी स्थिति को शांत करने में अप्रभावी साबित हुए हैं, और हिंसा जारी है. सर्वविदित है कि विश्व में नूतन वर्ष के आगमन पर 2023 के स्वागत पर जश्न मना रहे थे,तो छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिला में ईसाई समुदाय पर उन्मादी भीड़ की हिंसक हमले 01 और 02 जनवरी 2023 को होता रहा.इससे देश-प्रदेश के ईसाई समुदाय के बीच आक्रोश व्याप्त है.उन्मादी भीड़ की हिंसक हमले के विरुद्ध पटना के ईसाई समुदाय के साथ कई समाजसेवी और बुद्धिजीवियों ने कुर्जी चर्च के प्रांगण में नारायणपुर के हिंसा प्रभावित लोगों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए प्रार्थना सभा आयोजित किया. ईसाई समुदाय के नेता एसके लॉरेंस ने कहा कि इन विस्थापित ईसाइयों को तीन अस्वीकार्य विकल्प दिए गए हैं- एक, अपने विश्वास की निंदा करें और उन्हें अपना घर और जीवन वापस मिल जाए, दो, ईसाई बने रहें और हिंसा और मौत का सामना करें, तीन, एक और घर खोजें, क्योंकि ईसाइयों या उनके विश्वास के लिए कोई जगह नहीं है इस आदिवासी भूमि में.क्षेत्रों में स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है क्योंकि एक पुलिस अधीक्षक ने उनके साथ शांति स्थापित करने की कोशिश की तो कथित तौर पर उनके सिर में चोटें आईं.दो ईसाई आदिवासी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से निर्वस्त्र कर दिया गया और लगभग सौ लोगों के सामने पीटा गया ताकि उनकी लज्जा भंग की जा सके और उन्हें अपना ईसाई धर्म छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सके. दिल्ली के ईसाई समुदाय ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों, विशेष रूप से नारायणपुर और कोंडागांव में बहुत अस्थिर स्थिति के आलोक में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से हस्तक्षेप करने और स्थिति को नियंत्रित करने और विश्वास बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की. जब ईसाई आदिवासी अपने गाँव लौटते हैं,तब उनको सुरक्षा देनी होगी.इस पर जोर देने के लिए बिहार,झारखंड,दिल्ली आदि राज्यों में कैंडल लाइट के साथ शांतिपूर्वक जुलूस निकाले. आज दिल्ली वीमेंस कलेक्टिव के बैनर तले 21 जनवरी को जंतर - मंतर पर दो घंटे का विरोध प्रदर्शन 12:00 से 02:00 बजे तक किया जाएगा.यहां पर छत्तीसगढ़ की महिलाओं व बच्चों पर होने वाले जुल्म के विरूद्ध एकजुटता प्रदर्शित करेंगे.दिल्ली वीमेंस कलेक्टिव के बुलावा पर दिल्ली जाकर ईसाई समुदाय अपनी चट्टानी एकता प्रदर्शित करेंगे.
शनिवार, 21 जनवरी 2023
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आज ईसाई समुदाय का प्रदर्शन जंतर-मंतर पर
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