बिहार : औद्योगिक इकाईयों के लिए एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

बिहार : औद्योगिक इकाईयों के लिए एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन

  • वेब पोर्टल पर अपनी विवरणियां स्वयं भरने के लिए संवेदनशील बनाने एवं  प्रेरित करने दी गयी जानकारी 

One-day-srminar
पटना, 8 फ़रवरी, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (क्षेत्र संकार्य प्रभाग) क्षेत्रीय कार्यालय पटना के द्वारा औद्योगिक संघों एवं कारखाना अधिनियम 1948 सेक्षन 2एम(प) एवं 2एम(पप)  में पंजीकृत औद्योगिक इकाईयों को वेब पोर्टल पर अपनी विवरणियां स्वयं भरने के लिए संवेदनशील बनाने एवं  प्रेरित करने हेतु एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन पटना में आज किया गया ।  सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा. अरुणीस चावला, अपर मुख्य सचिव, योजना एवं विकास विभाग, बिहार सरकार के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में सांख्यिकी, अर्थशास्त्र एवं योजना का देश के आर्थिक विकास में महत्व पर चर्चा की और  वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण का देश के सकल घरेलु उत्पाद के गणना में महत्व पर भी प्रकाश डाला।  कार्यक्रम की अघ्यक्षता एन. संगीता, उप महानिदेशक राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (क्षेत्र संकार्य प्रभाग), पटना के द्वारा किया गया। मौके पर उन्होंने सर्वेक्षण के सफल संचालन के लिए उधोगपतियों के सहयोग क महत्व पर जोर दिया और कहा कि सर्वेक्षण से एकत्र डाटा का उपयोग राष्ट्रीय आय के अनुमान औधोगिक संरचना के अध्ययन, योजना, नीति निर्माण और तेजी से औधोगिक विकास के लिए नीतियां बनाने में किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए पूंजी, रोजगार की स्थिति, कच्चा माल, इनपुट-आउटपुट अनुपात, मूल्यवर्धन, श्रम, टर्नओवर , जीएसटी आदि से संबंधित डेटा एकत्र किए जाते हैं। उप महानिदेशक ने कहा कि सर्वेक्षण से एकत्र जानकारी का उपयोग सांख्यिकीय उद्देष्यों के लिए होता है। सकल घरेलू उत्पाद में औद्योगिक क्षेत्र के योगदान का अनुमान लगाने और औद्योगिक विकास के लिए नीतियां बनाने में सरकार की मदद करने के लिए किया जाता है। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के निदेशक संजय पंसारी ने भी विषय पर प्रकाशा डाला। वहीँ, उप निदेशक, परिमल ने अखिल भारतीय एवं बिहार राज्य स्तर पर प्रकाशित वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण की विशेषताओं पर चर्चा की। देवेन्द्र कुमार एवं कमलेश कुमार गुप्ता, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारियों ने औद्योगिक इकाईयों को वेब पोर्टल पर विवरणियां भरने का प्रशिक्षण दिया। साथ ही मनोज गुप्ता, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी ने सांख्यिका संग्रहण एक्ट‘2008 पर विस्तृत चर्चा की। बी.एन.प्रसाद, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी ने विवरणियां भरने की परेशानियों व चिंताओं के निराकरण पर व्याख्या की। कार्यक्रम का संचालन सुधीर झा, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी ने किया। मौके पर बिहार इंडस्ट्रीज एशोसिएसन के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल, कई औद्योगिक इकाईयों के निदेशक व प्रबंधक तथा कार्यालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं: