बिहार : बजट सत्र को लेकर भाकपा-माले विधायक दल की बैठक संपन्न - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 27 फ़रवरी 2023

बिहार : बजट सत्र को लेकर भाकपा-माले विधायक दल की बैठक संपन्न

  • हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर भाजपा को घेरेगा माले विधायक दल, अडानी को हासिल है छूट लेकिन विपक्ष के नेताओं के पीछे भाजपा ने लगा रखा है आइडी और सीबीआई
  • दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी निंदनीय, भाजपा है बिहार विरोधी, विशेष राज्य के दर्जे से रही है भागती, महंगाई-बेरोजगारी के लिए नरेन्द्र मोदी की सरकार जिम्मेवार, बिहार सरकार भी शिक्षक बहाली अविलंब शुरू करे.
  • बिहार में बुलडोजर राज की संस्कृति खत्म होनी चाहिए, बजट सत्र में नया वास-आवास कानून बनाए सरकार, अग्निपथ योजना के तहत दर्ज मुकदमों की वापसी, एनआइए द्वारा धर-पकड़ आदि बनेंगे मुद्दे

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पटना 27 फरवरी, बजट सत्र के मद्देनजर भाकपा-माले विधायक दल की एक दिवसीय बैठक संपन्न हुई. बैठक में विधायक दल प्रभारी का. राजाराम सिंह, विधायक दल के नेता का. महबूब आलम, उपनेता का. सत्यदेव राम, सचेतक का. अरूण सिंह सहित सभी 12 विधायक उपस्थित थे. बैठक में हुए फैसलों की जानकारी आज पटना में विधायक दल प्रभारी राजाराम सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि बिहार में 7 दलों का मजबूत महागठबंधन है और इससे भाजपा सकते में है. बिहार का यह माॅडल पूरे देश के लिए नजीर है. 2024 का चुनाव मोदी सरकार द्वारा विगत 8 वर्षों में देश को बर्बाद और तबाह करने के केंद्रीय मुद्दे पर होगा. उन्होंने कहा कि मोदी राज में एक तरफ चरम काॅरपोरेटपरस्ती है तो दूसरी ओर लोकतंत्र व संविधान पर हमला है और देश को फासीवादी दिशा में धकेलने की कोशिश है. भाकपा-माले विधायक दल बिहार विधानसभा के अंदर व बाहर हर स्तर पर मोदी की काॅरपोरेटभक्ती के खिलाफ लड़ता रहेगा. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी की धोखाधड़ी को बेनकाब कर दिया है, लेकिन मोदी सरकार इसपर अब तक खामोश है. पूरे विपक्ष ने जेपीसी जांच की मांग की, लेकिन केंद्र सरकार उसे अनसुना करती जा रही है. एक तरफ अडानी जैसे लोगों को खुली छूट हासिल है तो दूसरी ओर विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. उनके पीछे ईडी और सीबीआई लगा दिया जा रहा है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी अतिनिंदनीय है. यह मोदी - शाह हुकूमत द्वारा प्रतिशोध की भावना में की गई कार्रवाई है. देश के संघीय ढांचे और लोकतंत्र को केंद्रीय एजेंसियों के जरिए जारी ऐसे हमलों को भाकपा-माले विधायक दल मुद्दा बनाएगा.


भाकपा-माले विधायक दल महंगाई-बेरोजगारी के लिए मोदी सरकार और भाजपा पर चैतरफा हमला बोलेगी. बिहार के साथ केंद्र सरकार का भेदभाव लगातार जारी है. उसने आज तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया. योजनाओं में राशि की कटौतियां जारी हैं. भाकपा-माले विधायक दल ने एनआइए द्वारा मुस्लिमों के उत्पीड़न व लगातार उनकी धरपकड़ को अपने एजेंडे में शामिल किया है. ये सारी कार्रवाइयां भाजपा के 2024 के मिशन के तहत हो रही हैं. बिहार सरकार ऐसी कार्रवाइयों पर रोक लगाए. बिहार की महागठबंधन सरकार को अब भाजपाई बुलडोजर राज की संस्कृति छोड़नी होगी. सरकार के बारंबार आश्वासन के बाद भी जल-जीवन हरियाली योजना के तहत गरीबों को बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ा जा रहा है. हमारी मांग होगी कि बिहार सरकार बजट सत्र के दौरान नया वास-आवास कानून लेकर आए और गरीबों के उजाड़ने की प्रक्रिया पर रोक लगाए. अग्निपथ योजना के तहत छात्र-युवाओं पर दर्ज फर्जी मुकदमों की वापसी का भी सवाल माले विधायक दल मजबूती से उठाएगा. साथ ही, सातवें चरण की शिक्षक बहाली अविलंब शुरू करने, स्कीम वर्करों को उचित मानदेय देने आदि मसलों को भी उठाया जाएगा. माले विधायक दल ने कहा है कि वह भाजपा के खिलाफ बिहार की महागठबंधन की सरकार के साथ मजबूती से खड़ा है, लेकिन जनता के सवालों को वह पूरी मुस्तैदी से उठाता रहेगा और संघर्ष करता रहेगा.

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