जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य सरकार की योजनाओं पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार ने जिले के जो आँकड़े जारी किए हैं, उसके अनुसार 70 से 90 प्रतिशत नल-जल योजना काम कर रही है। लेकिन योजना की जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत है, 70 प्रतिशत नल जल योजना काम नहीं कर रही है। पश्चिम चंपारण और शिवहर जैसे जिलों में 80 से 90 प्रतिशत योजना काम नहीं कर रही है, लेकिन पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान और छपरा में 10 में से 2 जगह ये योजना काम करती दिख रही है। 7 से 8 योजना बंद पड़ी है। नल जल योजना में जो सबसे बड़ी समस्या है जमीन की मालकीयत। जिस समय यह योजना बनी थी, उस समय जीते हुए वार्ड सदस्यों ने अपनी या अपने संबधियों की जमीन पर टंकी को लगवा दिया था और अब उनमें से अधिकतर चुनाव हार गए हैं। इस वजह से अब वो इसके प्रबंधन में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कई लोगों ने वहाँ ताला लगा दिया है। इन लोगों से अलग बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस लालच में अपनी जमीन दी थी की जब टंकी लग जाएगी तो उनके परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी मिल जाएगी। अब उनको नौकरी मिली नहीं तो वो इसको चलने नहीं दे रहे हैं। यह सरकार की बड़ी योजना नल जल योजना की स्थिति है।
गुरुवार, 16 मार्च 2023
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बहुचर्चित नल-जल योजना, 70 प्रतिशत से अधिक जमीन पर बंद पड़ी हुई है : प्रशांत किशोर
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