मुंबई में 19 मार्च से राजकमल का 'किताब उत्सव’ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 16 मार्च 2023

मुंबई में 19 मार्च से राजकमल का 'किताब उत्सव’

  • 23 मार्च 2023 तक चलेगा पांच दिवसीय 'किताब उत्सव'   
  • मुंबई 'किताब उत्सव' में जुटेंगे देशभर के साहित्यकार
  • राजकमल प्रकाशन अपने 75वें वर्ष में विभिन्न शहरों में आयोजित कर रहा है 'किताब उत्सव'

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नई दिल्ली/ मुंबई ,16 मार्च,   राजकमल प्रकाशन 19 से 23 मार्च 2023 तक मुंबई के वर्ली स्थित नेहरू सेंटर में 'किताब उत्सव' का आयोजन करने जा रहा है। पाँच दिनों तक चलने वाले इस 'किताब उत्सव' में देश के नामी-गिरामी साहित्यकार हिस्सा लेंगे। इस दौरान राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कई पुस्तकों का लोकार्पण होगा और विभिन्न पुस्तकों पर परिचर्चा और लेखकों से बातचीत के सत्र आयोजित किए जाएंगे। 'किताब उत्सव' मुम्बई का उद्घाटन 19 मार्च को शाम 05:00 बजे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मूर्धन्य मराठी लेखक भालचन्द्र नेमाड़े, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लक्ष्मण गायकवाड़ और सुप्रसिद्ध उपन्यासकार अब्दुल बिस्मिल्लाह करेंगे। उत्सव के विभिन्न सत्रों में मशहूर निर्देशक-गीतकार गुलज़ार, गीतकार-शायर जावेद अख़्तर, उपन्यासकार विश्वास पाटील, अंग्रेजी लेखक जैरी पिंटो आदि पाठकों से रूबरू होंगे। वहीं 'किताब उत्सव' गोविंद निहलानी, दयाल निहलानी, शरण कुमार लिम्बाले, अंबरीश मिश्र, रंजीत कपूर, सीमा कपूर, धीरेन्द्र अस्थाना, गौरव सोलंकी, रामकुमार सिंह, सत्यांशु सिंह, बोधिसत्व, युनुष खान, यतीश कुमार, शेषनाथ पांडे, शैलजा पाठक, अनु सिंह चौधरी, संजय सिंह, विवेक अग्रवाल, प्रकृति कारगेती, मोनिका सिंह हिमानी शिवपुरी, चित्रा देसाई, प्रेमरंजन अनिमेष, विमल चंद्र पांडेय, मिथिलेश प्रियदर्शी, फरीद खां, राहुल श्रीवास्तव आदि उपस्थित होंगे।


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राजकमल प्रकाशन अपने 75वें हीरक जयंती वर्ष में देश के विभिन्न शहरों में 'किताब उत्सव' आयोजित कर रहा है। 'किताब उत्सव' के दौरान अलग-अलग साहित्यिक, सांस्कृतिक और समसामयिक विषयों एवं राजकमल प्रकाशन समूह की पुस्तकों पर आधारित परिचर्चा आयोजित की जाती है। साथ ही, पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। राजकमल प्रकाशन अब तक वाराणसी, भोपाल, पटना और चंडीगढ़ में 'किताब उत्सव' का सफल आयोजन कर चुका है। मुंबई में आयोजित किए जाने वाले 'किताब उत्सव' को लेकर राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा, “देश की आजादी की पूर्ववेला में स्थापित राजकमल प्रकाशन अपनी शुरुआत से ही श्रेष्ठ पुस्तकों के जरिये समाज को बौद्धिक सांस्कृतिक रूप से उन्नत बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। पचहत्तर वर्ष के अपने सफर में हमने अपने तमाम पाठकों, लेखकों और शुभेच्छुओं के स्नेह सहयोग से अनेक उपलब्धियां हासिल कीं। इसके संतोष और अपने पाठकों, लेखकों और शुभेच्छुओं के विश्वास के बूते अब हम आने वाले पचहत्तर वर्ष के लिए अपने संकल्पों को साकार करने में जुटे हैं। हमारा संकल्प हर उम्र, हर वर्ग के लोगों तक देश-दुनिया का साहित्य पहुंचाना है। साहित्य से हमारा मतलब ज्ञान के लिए आवश्यक सभी विषयों और विधाओं की किताबें हैं।” उन्होंने कहा, “देश के विभिन्न शहरों में किताब उत्सव का आयोजन हमारे इसी संकल्प का हिस्सा है। वाराणसी, भोपाल, पटना और चंडीगढ़ के बाद अब हम मुम्बई में किताब उत्सव मनाने जा रहे हैं।" हाल ही में 10 से 14 फरवरी तक चंडीगढ़ में 'किताब उत्सव' का आयोजन सम्पन्न हुआ। पांच दिनों तक चले इस उत्सव में तमाम पाठकों व पुस्तकप्रेमियों ने शिरकत की। चंडीगढ़ 'किताब उत्सव' में हिन्दी सहित पंजाबी और उर्दू भाषाओं के रचनाकार भी सम्मिलित हुए। इस दौरान स्कूली बच्चों के लिए कई प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गई जिसमें स्थानीय स्कूलों के बच्चों के बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। गौरतलब है कि राजकमल प्रकाशन ने 28 फरवरी को अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे किए। हिन्दी के शीर्षस्थ प्रकाशन के रूप में समादृत राजकमल की स्थापना 28 फरवरी 1947 को दिल्ली में हुई थी।

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