दरभंगा, शोध के परंपरागत विषयों में परिवर्तन जरूरी है, सम-सामयिक विषयों को शोध में शामिल करना चाहिए। पुस्तकालय एवं इंटरनेट की भूमिका इस क्रम में महत्वपूर्ण है। उपरोक्त बातें समाजशास्त्र विभाग में आयोजित एक संगोष्ठी में प्रो० हिमांशु शेखर झा प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ० शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ ने शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि नए विषयों का चयन चुनौतीपूर्ण है और युवाओं की मनोवृति पर भी शोध कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि युवा वर्ग की मनोवृति हम जान सकेंगे। यू० जी० सी० द्वारा नित्य नए-नए परिवर्तन किए जा रहे हैं और उस क्रम में हम अपने पाठ्यक्रम में मात्र 10% क्षेत्रीय विषय को शामिल करने का अधिकारी है। इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो० विनोद कुमार चौधरी ने कहा कि विभिन्न संगोष्ठी में भाग लेने से हमारी जिज्ञासा शांत होती है तथा हमें नए-नए विषयों की जानकारी प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने एवं निबंध लिखने की प्रवृत्ति का विकास होना चाहिए। समारोह की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो० शाहीद हशन ने की इस अवसर पर प्रो० श्रीमती मंजू झा, डॉ० सारिका पांडे, डॉ० लक्ष्मी सिंह, डॉ० प्रमोद गांधी इत्यादि ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए।
गुरुवार, 16 मार्च 2023

दरभंगा : शोध के परंपरागत विषयों में परिवर्तन जरूरी : बिनोद चौधरी
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