बिहार : किसान भाई रखें खयाल: बिगड़ सकता है मौसम का मिजाज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 29 मार्च 2023

बिहार : किसान भाई रखें खयाल: बिगड़ सकता है मौसम का मिजाज

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पटना, भारत मौसम विभाग के मौसम विज्ञान केंद्र, पटना से प्राप्त जानकारी के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावस्वरूप राज्य में 30 मार्च से 1 अप्रैल के दौरान मौसम के पुनः सक्रिय होने की प्रबल संभावना है। इस दौरान राज्य के अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम स्तर के बारिश (10 मिमी से 50 मिमी तक), बिजली एवं मेघ गर्जन के साथ-साथ 30-40 किमी/घंटा की गति से हवा तथा कुछ जगहों पर ओला वृष्टि की भी संभावना है। इस बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से निसन्देह ही पिछली बार की भांति ही, प्रदेश में परिपक्वता पर पहुँच चुकी खड़ी फसलों जैसे कि गेहूँ, मक्का, सरसों, तिलहन व दलहन को अनुमानतः 5-10% तक नुकसान झेलना पड़ सकता है। लगभग एक सप्ताह पूर्व हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने राज्य के करीबन 1 दर्जन जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया था और लगभग 29 हजार हेक्टेयर में फसल को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसका जायजा लेने के लिए कृषि वैज्ञानिकों की एक टीम (डॉ अजय कुमार, डॉ रोहन कुमार रमन, डॉ अभिषेक कुमार दूबे और डॉ गोविंद मकराना) ने भी सीतामढ़ी का दौरा किया था। अतः नुकसान को कम करने हेतु किसान बंधुओं को यह सलाह दी जाती है कि पक चुकी फसल विशेषकर गेहूँ की कटाई कर नमी/ पानी रहित सुरक्षित स्थान पर रख दें। यदि संभव हो तो अनाज को खुले स्थान से हट कर भंडारण कक्ष मे रख दें अथवा ढक दें। और जो फसलें परिपक्वता अवस्था में नहीं पहुंची है उनकी किसान भाई सतत निगरानी करते रहें। पक चुकी सब्जियों जैसे टमाटर, बैगन एवं अन्य को भी तोड़ कर सुरक्षित जगह पर रख दे। मध्यम स्तर की वर्षा खड़ी फसल के लिए पर्याप्त है अतएव खेतों में व्यर्थ सिंचाई न करें। पानी मेघ गर्जन ,वज्रपात एवं ओलावृष्टि के दौरान पशुधन को खुले स्थान पर न छोड़े। कृषक बंधु स्वयं भी बिजली चमकने के दौरान खेतों में न जाए एवं पेड़ों के पास आश्रय न लें। मौसम के साफ होने तक निकटतम पक्के मकानों मे ही रुकें। स्मार्ट फोन उपयोगकर्ता बिजली चमकने एवं गिरने की अधिक सटीक जानकारी हेतु मोबाइल अप्लीकेसन “दामिनी” का उपयोग करें और समयानुसार ही अपने दैनिक खेती के कार्य करें। यह कृषि मौसम परामर्श भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ मनीषा टम्टा एवं डॉ वेद प्रकाश द्वारा दिया गया है।

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