गया : लगभग 15 एकड़ भूदान की जमीन भूमिहीनों के बीच बांटी गई थी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 10 अप्रैल 2023

गया : लगभग 15 एकड़ भूदान की जमीन भूमिहीनों के बीच बांटी गई थी

  • लोकतान्त्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के तहत पदयात्रा जारी

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गया. लोकतान्त्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के तहत पदयात्रा जारी है.गत तीन अप्रैल से पदयात्रा शुरू की गई. बाराचट्टी प्रखंड के बिन्दा गांव में लगभग 15 एकड़ भूदान की जमीन भूमिहीनों के बीच बांटी गई थी. बताया गया कि यहां पर आज से पचास साल पहले भूदान यज्ञ कमिटी गया के मंत्री स्वर्गीय दिवाकर जी के द्वारा बिन्दा गांव के अलावा चालीस गांव में अनौपचारिक शिक्षा केंद्र संचालित किया जाता था. स्वर्गीय बलदेव जी इस गांव में शिक्षण का कार्य किया करते थे.कारू भाई और उपेंद्र आज से पचास साल पहले आए थे और बलदेव के साथ गांव की मिटिंग हुई थी. आज लोकतान्त्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के नेतृत्व पदयात्रा इस गांव में पहुंची. लोगों ने धैर्य पूर्वक सभी लोगो की बातों को सूना.सभा की शुरुआत परमेश्वर यादव उर्फ बिनोवा जी ने मनुवादी सोच और भाजपा   हिन्दू राज कायम कर गरीबों को गुलाम बनाने और लोकतंत्र खत्म कर तानाशाही राज लाना चाहती है.सभा को श्यामबिहारी  हरेन्द्र भोक्ता,पूर्व मुखिया दिनेश्वर जी कुरमामा प॔चायत, बुमेर पंचायत के पूर्व मुखिया राजकुमार जी जीवन संघम के निदेशक फादर अंटो ने भी संबोधित किया. संचालन जगत भूषण और सभा का समापन राष्ट्र सेवा दल के बिहार के संगठक कारू भाई ने किया.पटिऔना में पदयात्रियों का स्वागत सरपंच श्री सौदागर यादव ने किया.मझौली में ग्रामीणों ने सत्तू पिलाई और यदु जी अपने घर बुलाकर चाय पर पदयात्रियों से परिचय किया. सखौउआं और कुंडिल    गांव के बीच गली में सभाकर आज के कार्यक्रम को विराम दिया गया.  अगले दिन राष्ट्र निर्माण जागरूकता पदयात्रा शर्मा बाजार, बजरकर पंचायत के मननबीघा, सोनवर्षा , कर्मा ,भगौती, वजरकर,और गंगटी गांव घुमे. कर्मा गांव का दलित टोला को देखकर अग्रेजी राज की गुलामी याद आ गई. नाली और गली की हालत बहुत खराब है.एक युवक से पूछने पर बताया कि मोदी के बारे में नहीं मालूम लेकिन यूपी में मोदी जी अच्छा काम कर रहे हैं.उसने बताया कि हरेक परिवार को प्रत्येक महीने गरीबों को मुफ्त राशन मिल रहा है.सवाल फादर अंटो कर रहे थे.अपने गली मुहल्ले की बजबजाती गलियों पर मौन था. आस पास के आलिशान महल  झुग्गी  से मानो कह रहा हो कि एक बादशाह हुआ तो सौ फकीर हो गए.  पदयात्रियों को गांव वालों ने आपबीती बयान में कहा कि बिहार में गया जिले के बाराचट्टी के गुलरबेद गांव में बुधवार सुबह जब लोग होली की मस्ती में डूबे हुए थे, उसी दौरान निकटवर्ती सेना के फायरिंग रेंज से तोप का एक गोला कहर बन कर आया.इसकी चपेट में आने से एक परिवार के दम्पति समेत तीन लोगों की मौत हो गई और तीन सदस्य गंभीर रूप से घायल हैं.घायलों को मगध मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.  ग्रामीणों के मुताबिक बाराचट्टी थाना क्षेत्र के बुमेर पंचायत के गूलरवेद गांव से एक किलोमीटर दूर मिलिट्री फायरिंग रेंज है. बुधवार की सुबह करीब आठ बजे मिलिट्री के जवान अभ्यास कर रहे थे.इसी दौरान एक तोप का गोला फायरिंग रेंज से बाहर गूलरवेद गांव में जा गिरा.इसकी चपेट में एक ही परिवार के छह लोग आ गए.उनमें से तीन लोगों के शरीर के चीथड़े उड़ गए. घटनास्थल पर ही एक महिला समेत तीन की मौत हो गई, जबकि दो महिला और एक पुरुष गंभीर रूप से घायल हैं. इन्हें बेहतर इलाज के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.  हादसे में गोला मांझी की बेटी कंचन कुमारी (28), दामाद गोविंदा मांझी (29) निवासी डोभी और सूरज कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। गीता कुमारी (11), राशो देवी (30) और पिंटू मांझी (25) घायल हो गए.  इस संबंध में बताया गया कि आठ महीने पहले भी इसी गांव में मिलिट्री फायरिंग रेंज से गोली लगने से 20 वर्षीय रघु मांझी की मौत हुई थी.इससे पहले भी इस गांव में दो लोगों की मौत हुई थी. कई जानवर भी तोप के गोले के शिकार हो चुके हैं.इसकी वजह मिलिट्री के फायरिंग रेंज गांव के काफी करीब होना है. पदयात्री दल सामूहिक रूप से उस परिवार से मिले.हमलोग फायरिंग रेंज को हटाने की मांग वर्षों से कर रहे है.लेकिन अभी तक केन्द्र सरकार नहीं सुन रही है.

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