बिहार : समाजशास्त्री प्रोफेसर महेंद्र नारायण कर्ण नहीं रहे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 11 अप्रैल 2023

बिहार : समाजशास्त्री प्रोफेसर महेंद्र नारायण कर्ण नहीं रहे

  • बिहार राष्ट्र सेवा दल के पूर्व अध्यक्ष, प्रमुख समाजशास्त्री प्रोफेसर महेंद्र नारायण कर्ण अब हमारे बीच में नहीं

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पटना. राष्ट्र सेवा दल का ऐतिहासिक महत्व है. समतामूलक समाज की स्थापना करना ही इसका मूल उद्येश्य है. यह सामाजिक संगठन है जो धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था व समाजवाद में विश्वास रखता है.लोकनायक जयप्रकाश नारायण के द्वारा स्थापित पटना के ए. एन. सिन्हा संस्थान के पूर्व निदेशक व बिहार राष्ट्र सेवा दल के पूर्व अध्यक्ष, प्रमुख समाजशास्त्री प्रोफेसर महेंद्र नारायण कर्ण अब हमारे बीच में नहीं रहे.उनका निधन 09 अप्रैल की रात्रि 11.30 बजे हुआ. बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव बनने के बाद चरवाहे विद्यालय से लेकर पहलवान विद्यालय की संकल्पना रखने वाले समाजशास्त्री प्रोफेसर महेंद्र नारायण कर्ण ही थे.तब लालूजी ने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में कुछ हदतक दोनों योजनाओं को अमल में लाने का काम किया है.वे राष्ट्र सेवा दल बिहार के प्रदेश अध्यक्ष रहे.अनुग्रह नारायण शोधसंथान के निदेशक, उल्लेखनीय है कि प्रो कर्ण नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक और पूर्व कुलपति तथा पटना विश्वविद्यालय में प्राध्यापक भी रहे हैं. इस बीच प्रमुख समाजशास्त्री  व ए एन सिन्हा सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो(डॉ) महेंद्र नारायण कर्ण अचानक 2020 में गंभीर रूप से बीमार हो गये थे. उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया.वहां से प्रो.साहब को देखकर लौटने के बाद कंचन बाला ने बताया कि उनकी स्थिति नाजुक है. उन्होंने एम्स के डाक्टरों से भी बातचीत की. डाक्टरों ने कहा कि उनके उपचार में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.महेंद्र नारायण कर्ण की तबियत बिगड़ने पर सामाजिक कार्यकर्ता सत्य नारायण मदन ने उम्मीद जताई है कि वह जल्द ही स्वस्थ्य हो जायेंगे.परंतु ऐसा न हो सका.लगभग 3 वर्षों से आईसीयू जैसी अवस्था में जीवन रक्षक उपकरणों के साथ घर में ही रहे और धीरे-धीरे मृत्यु की ओर पहुंचते रहे.जहां मध्य रात उनकी मृत्यु हुई. इस समय घर में पत्नी श्रीमती उर्मिला कर्ण और साथ में छोटे भाई की पत्नी और उनका बड़ा लड़का प्रणव- पुत्रवधु रहते हैं. एम्स के पास मोहल्ले में किराया का मकान लेकर उन्हें जीवन रक्षक उपकरणों पर तीन वर्षो से रखा गया था और एम्स में कार्यरत उनकी बेटी क्रांति भावना और दामाद सुदीप कुमार दोनों का नियमित सानिध्य मिलता था. दोनों ही डॉक्टर हैं और  युवा प्रोफेसर हैं.एम्स में ही उनकी बेटी डॉ क्रान्ति भावना ईएनटी की विभागाध्यक्ष तथा दामाद डॉ सुदीप कुमार हड्डी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं. शिलांग से पुत्र तरुण और पुत्रवधू एंजेला आज आएंगे और दिल्ली से छोटा पुत्र तुषार भारती  आ रहे है.लंदन में रह रहा प्रत्यूष भी मंगलवार की सुबह आ रहे है.फिलवक्त उनका पार्थिव शरीर पैन ऐन्ड पाइन अपार्टमेंट, (फुलवारी चौक पटना और बी एम पी सड़क पर हाई स्कूल के आगे सुपर मार्केट और होंडा सो रूम के बीच गली) मे रखा गया है.लोग आकर अन्तिम दर्शन कर रहे हैं. इस तरह मंगलवार को ही उनका दाह संस्कार होगा.इनकी अंतिम बिदाई के लिए यहाँ से 11 अप्रैल को 02.30 बजे दिन से सभी लोग निकलेंगे और लगभग 4 बजे दीघा श्मशान  घाट पर अन्तिम बिदाई दिया जाएगा.

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