बिहार : 22 साल से भदासी कांड के जेल में बंद टाडा बंदियों को अविलंब रिहा करे सरकार : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा , झंडा ऊँचा रहे हमारा। देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर सभी देशवासियों को अनेकानेक शुभकामनाएं व बधाई। 'लाइव आर्यावर्त' परिवार आज़ादी के उन तमाम वीर शहीदों और सेनानियों को कृतज्ञता पूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन करता है। आइए , मिल कर एक समृद्ध भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं। भारत माता की जय। जय हिन्द।

गुरुवार, 20 अप्रैल 2023

बिहार : 22 साल से भदासी कांड के जेल में बंद टाडा बंदियों को अविलंब रिहा करे सरकार : माले

cpi-ml-mla-meet-nitish
पटना 20 अप्रैल, भाकपा-माले के अरवल विधायक महानंद सिंह ने आज चर्चित भदासी कांड में टाडा के तहत 20 वर्ष से अधिक की सजा काट लेने के बावजूद 14 में शेष बचे 5 बंदियों की अविलंब रिहाई की मांग पर बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से टेलीफोनिक बातचीत की और इससे संबंधित एक ज्ञापन उनके प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार को सौंपा. ज्ञापन पर उनके अलावा घोषी विधायक रामबलि सिंह यादव के भी हस्ताक्षर हैं. महानंद सिंह ने कहा कि अरवल के चर्चित भदासी कांड (1988) की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 14 निर्दोष लोगों को फंसाया गया था और जनविरोधी टाडा कानून के खत्म हो जाने के बावजूद उनपर इसके तहत मुकदमा चलाया गया था. 4 अगस्त 2003 को उन सबको आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई.  उन 14 बंदियों में 6 की मौत जेल में ही हो चुकी है. ये मौतें उचित इलाज के अभाव में हुईं; जिनमें अरवल के लोकप्रिय नेता शाह चांद, मदन सिंह, सोहराई चैधरी, बालेश्वर चैधरी, महंगू चैधरी और माधव चैधरी के नाम शामिल हैं. विदित हो कि माधव चैधरी की मौत अभी हाल ही में विगत 8 अप्रैल 2023 को जेल प्रशासन के नियंत्रण में इलाज के दौरान पीएमसीएच में हो गई. उनकी उम्र करीब 62 साल थी. भाकपा-माले विधायक दल ने विधानसभा सत्र के दौरान टाडा बंदियों की रिहाई की मांग पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी.  मुख्यमंत्री ने मामले को हल करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन इसी बीच माधव चैधरी का निधन हो गया. यह दुखद घटना शेष टाडा बंदियों की अविलम्ब रिहाई की मांग को उचित ठहराती है. टाडा बंदियों ने बहुत पहले ही अपनी सजा की अवधि पूरी कर ली है. इसी मामले में टाडा बंदी त्रिभुवन शर्मा की रिहाई पटना उच्च न्यायालय के आदेश से हो चुकी है, लेकिन शेष बचे 5 लोग अब भी जेल में ही हैं. हमारी मांग है कि जिस आधार पर त्रिभुवन शर्मा की पटना उच्च न्यायालय ने रिहाई के आदेश दिए, उसी आधार पर शेष बचे पांच लोग - डॉ. जगदीश यादव, चुरामन भगत, अरविंद चैधरी, अजित साव, श्याम चैधरी और लक्ष्मण साव को रिहा किया जाए. सब के सब बेहद अशक्त और बीमार हो चुके हैं और इसकी पूरी संभावना है कि कुछ और लोगों की मौत जेल में ही हो जाएगी. डाॅ. जगदीश यादव, चुरामन भगत व लक्ष्मण साव गंभीर रूप से बीमार हैं और हाॅस्पीटलाइज हैं.

कोई टिप्पणी नहीं: