मधुबनी : कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु प्राप्त आवेदनों की स्क्रुटनी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 25 मई 2023

मधुबनी : कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु प्राप्त आवेदनों की स्क्रुटनी

Madhubani-dm-meeting
मधुबनी, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में बुधवार देर शाम समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना (एस एम ए एम) वित्तीय वर्ष 2022/23 अंतर्गत कस्टम हायरिंग सेंटर/ कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु प्राप्त आवेदनों की स्क्रुटनी एवं स्वीकृति हेतु जिला स्तरीय कार्यपालक समिति (डी एल ई सी) की बैठक आहूत हुई। बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के सुदूर क्षेत्र के लघु एवं सीमांत किसानों को उन्नत कृषि यंत्रों की सुविधा उपलब्ध कराने से जहां कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी वहीं, बेहतर उत्पादन से उन्हें आर्थिक रूप से सबल बनाने में पर्याप्त सहायता मिलेगी। इस महत्वपूर्ण उद्देश्य को देखते हुए कस्टम हायरिंग सेंटर/ कृषि यंत्र बैंक की स्थापना एक महत्वकांक्षी कदम है। उन्होंने इसे लागू करने में जीविका की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि जीविका समूह द्वारा आज गांव गांव में आर्थिक उन्नयन लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रगतिशील भूमिका को देखते हुए सरकार द्वारा इन्हें कस्टम हायरिंग सेंटर/ कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए जिम्मेवारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जीविका द्वारा गांव के सभी जरूरतमंद किसानों तक इसका लाभ पंहुचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि फसल उत्पादकता के साथ साथ फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित उन्नत कृषि यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है।  इससे कृषि कार्य में यंत्रीकरण को बढ़ावा मिलेगा। जिसका लाभ मुख्य रूप से लघु एवं सीमांत कृषकों तथा बटाईदारों को मिलेगा। इसके माध्यम से कृषि कार्य में लागत में कमी होगी और उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होगी। इतना ही नहीं, फसल अवशेष जलाए जाने की घटना को भी प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा। जिससे पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को कस्टम हायरिंग सेंटर/ कृषि यंत्र बैंक के सफल संचालन हेतु लगातार मॉनिटरिंग करते रहने के निर्देश दिए हैं। उक्त बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, ललन कुमार चौधरी, सहायक निदेशक एग्रोनोमी, राकेश कुमार, डीपीएम जीविका, वसीम अंसारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, रमेश कुमार शर्मा, एलडीएम, सुधीर कुमार प्रसाद सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं: