पटना 4 मई, भाकपा - माले राज्य सचिव का. कुणाल ने बिहार में जारी जाति गणना पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए अंतरिम रोक को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. कहा कि जाति गणना की मांग हम सबने देश के प्रधानमंत्री से मिलकर की थी, लेकिन भाजपा सरकार ने उसे ठुकरा दिया था. तब जाकर बिहार की सरकार ने अपनी पहलकदमी पर जाति गणना की शुरुआत की थी. 1931 के बाद से देश मे कोई जाति गणना हुई ही नहीं है, जबकि दलित - पिछड़ी जातियों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं, आरक्षण को तर्कसंगत बनाने तथा सामाजिक स्तर में सुधार के लिए जाति गणना बेहद जरूरी था. हम उम्मीद करते हैं कि अगली सुनवाई में बिहार सरकार मजबूती से जाति गणना के पक्ष में अपने तर्कों को रखेगी और जो भी विसंगतियां रही हैं, उसे ठीक करने के उपाय करेगी.
गुरुवार, 4 मई 2023
बिहार : जाति गणना पर हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम रोक दुर्भाग्यपूर्ण : माले
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें