पटना. भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 3 जून को पटना में महागठबंधन की ओर से कैंडल मार्च का आयोजन किया गया है. दिल्ली में पहलवानों के आंदोलन की आग अब बिहार भी पहुंच चुकी है. पहलवानों का महागठबंधन का साथ मिला है. इसी को लेकर महागठबंधन 3 जून यानी शनिवार को कैंडल मार्च निकालेगा. कैंडल मार्च की जानकारी देते हुए आरजेडी प्रवक्ता सारिका पासवान ने कहा कि मोदी सरकार में खेल और खिलाड़ियों के साथ भी भेदभाव हो रहा है. मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है और उन्हीं का सांसद महिलाओं का और खास तौर पर महिला खिलाड़ियों का शोषण करता है. बीजेपी अपने गिरेबान में झांक कर देखे. बीजेपी दूसरे पर आरोप लगाती है, लेकिन आखिर क्या कारण है कि पोक्सो एक्ट के बावजूद उसके सांसद को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. जो बताने के लिए काफी है कि इस पूरे प्रकरण में सिर्फ बृजभूषण शरण सिंह ही नहीं बल्कि बीजेपी के बड़े लोगों का भी हाथ है. महागठबंधन के कैंडल मार्च पर जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि बीजेपी की करनी और कथनी में जमीन आसमान का अंतर है. बीजेपी महिला सशक्तिकरण की बात करनी है और उन्हीं के पार्टी के सांसद महिला खिलाड़ियों का शोषण करता है और बीजेपी के नेताओं की चुप्पी बताने के लिए काफी है यह इसमें ना सिर्फ बृजभूषण शरण सिंह बल्कि बीजेपी के बड़े नेताओं का भी हाथ है. भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने पटना के तमाम लोकतंत्र व न्याय पसंद नागरिकों से महागठबंधन द्वारा आहूत कैंडल मार्च में शामिल होने की अपील की है ताकि महिला पहलवानों के आंदोलन को ताकत मिल सके.यह महिला पहलवानों के आंदोलन के समर्थन में और उनके यौन उत्पीड़क व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर महागठबंधन की ओर से कैंडल मार्च का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि यह मार्च शाम 6 बजे इनकम टैक्स गोलबंर से निकलेगा और डाकबंगला चौराहा होते हुए स्टेशन गोलबंर तक जाएगा. महिला पहलवानों के समर्थन में 3 जून को महागठबंधन के कैंडल मार्च पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को कोई भी मुद्दा मिल नहीं रहा है. इसलिए अब खिलाड़ियों की आड़ में वह पीएम मोदी पर वार कर रहे हैं. प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि इस प्रकरण में बृजभूषण शरण सिंह पर बकायदा FIR दर्ज हुई है. इस पूरे मामले की जांच हो रही है और जांच के बाद जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.
केंद्र सरकार को नौ जून तक का अल्टीमेटम
इस बीच सर्वजातीय सर्व खाप महापंचायत में खाप प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार को नौ जून तक का अल्टीमेटम दिया है. इस तय समय में आरोपित की गिरफ्तारी न करने और पहलवानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस न लेने पर खाप पंचायत प्रतिनिधि पहलवानों को साथ लेकर दिल्ली में उसी आंदोलन स्थल जंतर मंतर पर छोड़कर आएंगे जहां से उन्हें हटाया गया था.सरकार ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह गिरफ्तारी देंगे और देश भर में किसान आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही अल्टीमेटम से पहले सरकार के साथ बातचीत के रास्तों को भी खुला रखते हुए आंदोलन की आगे की तैयारी करने और गांव-गांव में बैठकों का दौर जारी रखने का एलान किया गया है. इतना ही नहीं मांग पूरी होने तक भाजपा और जजपा नेताओं के गांव में पहुंचने पर ग्रामीण सवाल करेंगे कि अभी तक महिला पहलवानों से छेड़छाड़ के आरोपित को गिरफ्तार क्यों नहीं किया ? जाट धर्मशाला में आयोजित महापंचायत में लिए गए इस निर्णय के साथ ही खाप पंचायतों ने अपने रुख को स्पष्ट कर दिया है. महापंचायत में संबोधित करते हुए खाप प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि अब उनका मूड सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने का है.अगर सरकार तय समय पर मांग पूरी नहीं करती तो उसे खापों की ताकत का अहसास करवाया जाएगा. इस बार जो आंदोलन शुरू होगा उससे कोई भी पीछे नहीं हटेगा.बैठक में 20 से अधिक खापों के प्रतिनिधि जुटे.उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में वीरवार की खाप महापंचायत में लिए गए निर्णय की घोषणा कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में करने के एलान के चलते देश भर के राजनीतिज्ञों की नजर इसी महापंचायत पर टिकी हुई थी.
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