- प्राप्त जन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए हर हाल में उसका ससमय निष्पादन करने का दिया निर्देश।
उक्त विषयों की समीक्षा करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि मामलों को लंबित बनाए रखना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कर्म पुस्तिका की नियमित जांच आवश्यक है। नीलाम पत्र वाद के समीक्षा के क्रम में उप विकास आयुक्त ने निष्पादन की स्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए ससमय निष्पादन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नीलाम पत्र से संबंधित वादों के निष्पादन में तेजी लाने के लिए सभी लंबित वादों को रोटेशन मे ले ताकि सभी वादों की सुनवाई प्रत्येक 15 दिनों में कम से कम एक बार अवश्य हो जाए। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पदाधिकारी सप्ताह में कम से कम एक मामले का अनिवार्य रूप से निष्पादन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी नीलाम पत्र पर अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जितने मामलों में बॉडी वारंट निर्गत किया जा चुका है उसकी सूचना प्रभारी पदाधिकारी जिला निलाम पत्र शाखा मधुबनी को अवश्य उपलब्ध कराएं ताकि इस पर अग्रेतर करवाई सुनिश्चित किया जा सके। सेवांत लाभ की समीक्षा के क्रम में उप विकास आयुक्त ने निर्देश दिया कि सभी नियंत्री अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सेवा निर्मित होने वाले कर्मियों से 6 माह पूर्व ही भुगतान संबंधी प्रपत्र अथवा प्रस्ताव स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकार को भेजना सुनिश्चित करेंगे ताकि सेवानिवृति के समय ही उन्हें देय भुगतान किया जा सके ।उन्होंने कहा कि सेवांत लाभ के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता स्वीकार नहीं की जाएगी। उप विकास आयुक्त ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए हर हाल में उसका समय निष्पादन करना सुनिश्चित करें। उक्त बैठक में अपर समाहर्ता, नरेश झा, नगर आयुक्त अनिल चौधरी,डीपीआरओ परिमल कुमार, निदेशक डीआरडीए, किशोर कुमार, प्रभारी पदाधिकारी, जिला विधि शाखा, मयंक सिंह, कार्यपालक अभियंता विद्युत, मो अरमान, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, आर के सिंह, सहित सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
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