- कहा- बिहार में नेता बनना है, तो बड़े बाप का लड़का होना जरूरी, तभी लगेगा जाति का ठप्पा
100 में 80 लोग 32 साल की उम्र आते-आते छोड़ देते हैं राजनीति
प्रशांत किशोर ने कहा कि युवा वर्ग नेता बनने की चाह में राजनीतिक संगठनों से जुड़ जाते हैं और वही नेता उन्हें जेल भरो, रोड पर बैठो, भीड़ का हिस्सा बनने जैसे कामों में लगाते हैं। कुछ सालों के बाद उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ जाती है। 100 में से 80 युवा 30-32 की उम्र तक राजनीति छोड़ देते हैं। जो बच जाते हैं, उन्हें ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक पार्टियां नोटपैड पकड़ा देती हैं और वे छूट भइया दलाल बन जाते हैं। छोटे-मोटे काम कराने के लिए सरकारी मुलाजिमों को पैसे देते हैं और खुद भी दलाली कमाते हैं। गांव-समाज में उनकी छवि चालू पुर्जे वाली बन जाती है। किसी के पीछे दौड़ने से कोई नेता नहीं बनता, अगर आपको नेता बनना है, तो समाज से जुड़ें। 100-500 लोग आपके पीछे घूमने चाहिए, तो आप नेता बन जाएंगे।
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