पटना 22 जुलाई, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार सरकार से आंदोलनरत आशा कार्यकर्ताओं-फैसलिटेटरों की न्यायसंगत मांगों पर विचार करने हेतु उनके प्रतिनिधियों से वार्ता की अपील की है. कहा कि दमनात्मक रूख अपनाने की बजाए सरकार उनसे वार्ता करे और हड़ताल समाप्त करवाने की पहल करे. आगे कहा कि विगत विगत 12 जुलाई से राज्य की 90 हजार से ऊपर आशा-आशा फैसिलिटेटर हड़ताल पर हैं. उन्हें न केवल जीने लायक मासिक मानदेय मिलता है बल्कि रिटायरमेंट का भी कोई लाभ नहीं मिलता. एक हजार मानदेय कहकर उसे पारितोषिक कह दिया गया. इतनी कम राशि मिलती है कि इसका बड़ा हिस्सा यात्रा वगैरह में ही खर्च हो जाता है. इसके कारण उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है, जबकि उन्हें सातों दिन काम करना पड़ता है. कोरोना काल में उनकी भूमिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा था, बावजूद उन्हें न्यूनतम मासिक मानदेय नहीं मिलना उनके साथ अन्याय है.
शनिवार, 22 जुलाई 2023
बिहार : दमनात्मक कार्रवाई की बजाए आशाकर्मियों से वार्ता करे सरकार : माले
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