- विधानमण्डल के आगामी सत्र में वाम दलों के विधायक इस मुद्दे को मजबूती से उठाएंगे
पटना. शिक्षक नियमावली पर जारी गतिरोध के मद्देनजर उसपर पुनर्विचार की मांग के साथ आज बिहार के तीन वाम दलों भाकपा-माले, सीपीआई और सीपीएम की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता सीपीएम के राज्य सचिव ललन चौधरी ने की. बैठक में भाकपा - माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, पार्टी नेता केडी यादव, सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडे, शिक्षक नेता शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, एमएलसी संजय कुमार, सीपीएम के पूर्व राज्य सचिव अवधेश कुमार और सर्वोदय शर्मा उपस्थित थे. यह बैठक माले विधायक दल कार्यालय में हुई. बैठक के उपरांत वामदलों ने संयुक्त प्रेस बयान जारी करके कहा है कि शिक्षक नियमावली 2023 से वाम दलों की सहमति नहीं है. 2020 के महागठबंधन के संकल्प पत्र में सभी शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई थी. यह बात सही है कि उस समय महागठबंधन में नीतीश कुमार शामिल नहीं थे लेकिन वर्तमान सरकार का संकल्प वही होना चाहिए जो 2020 के महागठबंधन के घोषणापत्र में था. वामदल मांग करते हैं कि सरकार शिक्षक नियमावली 2023 पर पुनर्विचार करे और परीक्षा की बाध्यता हटाए. शिक्षक अभ्यर्थियों की परेशानियों को सुने और उनके प्रतिनिधियों से भी बातचीत करे. 10 जुलाई से शुरू हो रहे विधानमंडल सत्र के पहले वाम दल के प्रतिनिधि इस सवाल पर एक बार फिर मुख्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात कर मामले का हल निकालने की कोशिश करेंगे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें