कलुआही/मधुबनी, जिले के कलुआही प्रखंड के राढ़ में नागवंशी परिवार की ओर से हर साल नागपंचमी पूज्यनोत्सव किया जाता है, जिसमे समस्त ग्राम वासी शामिल होते है। इस बार भी पूरे विधि विधान के साथ हर्षोल्लास पूर्वक नाग देवता की पूजा की गई। इस दौरान पूजा विधि विधान के साथ करके नाग देवता को प्रसन्न किया जाता है। उसके अगले दिन पूजा पाठ कर बछराजा नदी में मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस पूजा में मुख्य रूप से विंदेश्वर भगत, चंदेश्वर भगत, महेश भगत, अशोक भगत, सन्नी भगत, रविंद्र भगत, राजा बाबू भगत, पप्पू भगत, शंभू यादव, ललन यादव, ललन भगत, संजीव पासवान और विनोद यादव समेत सैकड़ों लोग सहभागी बनते है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने वाले व्यक्ति को सांप के काटने का भय नहीं होता है। इस दिन सांपों को दूध से स्नान, पूजन और दूध पिलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परंपरा है। मान्यता है कि घर नाग कृपा से सुरक्षित रहता है। नाग पंचमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। भारत, नेपाल और हिंदू आबादी वाले अन्य देशों में लोग इस त्योहार पर नागों की पारंपरिक पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता को जल चढ़ाकर पूजा-पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल श्रावण मास में मलमास लगने की वजह से श्रावण मास 58 दिनों का है। नाग पंचमी का त्योहार देश भर में बड़ी धूमधाम से माना जाता है। इस दिन कई लोग उपवास भी रखते हैं। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन उपवास और व्रत कथा का पाठ करने से व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
बुधवार, 23 अगस्त 2023
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मधुबनी : राढ़ में भगत परिवार ने किया नागपंचमी पूजनोत्सव, सांपो को मारने वालों को नही मिलती मोक्ष
मधुबनी : राढ़ में भगत परिवार ने किया नागपंचमी पूजनोत्सव, सांपो को मारने वालों को नही मिलती मोक्ष
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