- प्राकृत अकादमी स्थापित करने वाला राजस्थान देश का प्रथम राज्य मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी
अकादमी प्राकृत भाषा एवं साहित्य के उत्थान के लिए योजनाएं तैयार करने तथा अकादमी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्य भी करेगी। अकादमी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष तथा सचिव सहित 4 अधिकारी होंगे। इनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। साथ ही, अकादमी की एक साधारण सभा होगी। जिसमें उपरोक्त चारों अधिकारियों सहित कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, कॉलेज शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिकध्माध्यमिक) विभाग, राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान जोधपुर के उप शासन सचिवध्संयुक्त शासन सचिवध्आयुक्तध्निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि तथा राज्य सरकार द्वारा मनोनीत 6 प्राकृत भाषा के साहित्यकार, प्राकृत भाषा के प्रचार-प्रसार एवं विकास हेतु कार्य करने वाली प्रतिष्ठित संस्थाओं के राज्य सरकार द्वारा मनोनीत 3 प्रतिनिधि व सामान्य सभा द्वारा सहवृत्त 7 व्यक्ति अकादमी की साधारण सभा के सदस्य होंगे। इसका मुख्यालय जयपुर अथवा राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान जोधपुर में होगा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 22 जुलाई को राजस्थान राज्य में जैन समाज की माँग पर श्रमण संस्कृति बोर्ड का भी गठन किया है।
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