बिहार में वैक्सीन कुरियर हड़ताल पर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 20 अगस्त 2023

बिहार में वैक्सीन कुरियर हड़ताल पर

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पटना. बिहार में वैक्सीन कुरियर हड़ताल पर है.उन लोगों के हड़ताल पर रहने के कारण टीकाकरण अभियान संचालित नहीं हो पा रहा है.सही मायने में ठप हो गया है.इस ओर बिहार के उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पहलकदमी करें.वाजिब दस सूत्री मांग पूरी कर दे. बिहार के उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को मालूम हो कि आशा व आशा फैसिलिटेटर 12 जुलाई से बेमियादी हड़ताल पर थे.उसके 6 दिनों के बाद 18 जुलाई से वैक्सीन कुरियर संघ के आह्वान पर वैक्सीन कुरियर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है.आशा व आशा फैसिलिटेटर व वैक्सीन कुरियर की हड़ताल के कारण टीकाकरण अभियान ठप पर गया है.हालांकि आशा व आशा फैसिलिटेटर की मांग पूरी होने के बाद हड़ताल खत्म कर दिए.बावजूद,इसके टीकाकरण अभियान ठप है. यानी 36 दिनों से टीकाकरण अभियान प्रभावित है. मांगों को लेकर वैक्सीन कुरियर हड़ताल पर है.इसके साथ ही प्रखंड के विभिन्न टीका केंद्रों पर टीका की आपूर्ति का संकट उत्पन्न हो गया है. प्रखंड के वैक्सीन कुरियर बिहार राज्य वैक्सीन कुरियर संघ व बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले हड़ताल पर चले गये हैं. बताया गया कि संघ चाहता है कि वैक्सीन कुरियर को 30 दिन का काम दिया जाए और उन्हें 500 रुपये रोजाना की दर से भुगतान किया जाए. साथ ही इनकी दुर्घटना या फिर अन्य कारणों से मौत होने पर चार लाख रुपये का मुआवजा व हरेक कुरियर का 12 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कराया जाए. साथ ही हर एक हजार की आबादी पर एक पद स्वीकृत करते हुए वैक्सीन कुरियर की तैनाती की जाए.इस दौरान कुरियर कर्मी नीतीश कुमार, कपिल देव साह, प्रेम कुमार यादव, प्रमोद साह ,मनोज दास, अनिल पासवान, मनोज , महेंद्र दास, राजेंद्र मंडल, राजेश दास, प्रमोद मंडल आदि मौजूद रहे.

 

बताते चले कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत वैक्सीन कुरियर की हड़ताल के समर्थन में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन गुरुवार को किया. प्रदर्शन का नेतृत्व जिला अध्यक्ष विनोद यादव एवं संयुक्त मंत्री सुमन कुमारी ने किया.वैक्सीन कुरियर संघ अपनी मांगों को लेकर 18 जुलाई से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.चिकित्सा संघ ने इनके हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि वैक्सीन कुरियर 10 मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. इनके हड़ताल पर चले जाने से आरोग्य दिवस पर होने वाले नियमित टीकाकरण कई स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई है. सरकार इनके वाजिब मांग पर विचार कर जन हित में हड़ताल को वापस करावे, अन्यथा बाध्य होकर चिकित्सा संघ भी आंदोलन करेगा.हड़ताली कुरियर ने बताया कि वैक्सीन के प्रत्येक बक्से पर 90 रुपए ही मिलता है.इस महंगाई में यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. पारिश्रमिक राशि वृद्धि करने का समझौता विगत हड़ताल में किया गया था, जो आज तक लागू नहीं किया गया है.राज्य सरकार वैक्सीन कुरियर के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.राज्य सरकार के वादाखिलाफी के कारण हम सभी को हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होना पड़ा है. टीकाकरण को सफल बनाने में वैक्सीन कुरियर की अहम भूमिका बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महामंत्री सुबेश सिंह ने कहा कि, राज्य के अंदर टीकाकरण को सफल बनाने में वैक्सीन कुरियर की अहम भूमिका है.इनकी सेवाओं का ही प्रतिफल है कि राज्य में टीकाकरण राष्ट्रीय मानक के करीब पहुंच चुका है. तपती गर्मी हो या कंपकंपा देने वाली ठंड, कुरियर साइकिल से वैक्सीन का बक्सा लेकर टीकाकरण बूथ तक पहुंचता है, किन्तु प्रति बक्सा मात्र नब्बे रुपए उन्हें मजदूरी मिलती है.स्वास्थ्य विभाग में चलने वाले विभिन्न योजनाओं, अभियानों, कार्यक्रमो में वैक्सीन कुरियर को कार्य की उपलब्धता की गारंटी एवं स्कीम वर्कर मजदूर के रूप में इन्हें मान्यता मिलनी चाहिए.

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