पटना. कुर्जी पल्ली का प्रचार- प्रसार करने में अहम किरदार निभाने वाले शख्स पास्काल मास्टर है. आज उनकी साठवीं पुण्यतिथि है.उनका निधन 10 अगस्त,1963 को कुर्जी में ही हुआ था.अभी उनके परिवार के लोग बेतिया, आसनसोल, पटना आदि में रहते हैं. जानकारी के अनुसार बेतिया धर्मप्रांत के बेतिया क्रिश्चियन कॉलोनी से पास्काल मास्टर पटना आए थे.वहां से आने के बाद कुर्जी पल्ली के परिसर में आवास में रहने लगे.यह आवास संत माइकल हाई स्कूल के द्वारा बनाया गया था.यहां पर आने के बाद धर्म प्रचार करने के कार्य में लग गए.यहां पर संजीवन प्रेस था.जहां से संजीवन साप्ताहिक अखबार प्रकाशित किया जाता था.उसके पाठकों के समक्ष पहुंचाने का कार्य किया जाता था.उनका एक पुत्र फ्रांसिस पास्काल संत माइकल हाई स्कूल में पढ़ते थे.कतिपय कारणों से उक्त विघालय से पढ़ाई पूर्ण नहीं किए. जो आज भी जारी है.उनका एक नाती फादर लॉरेंस रफायल पुरोहित बने.आज उक्त पुरोहित का नाम का पर्व है. यह भी बताया जाता है कि पास्काल मास्टर की तीन लड़कियां जेनरल नर्सिंग की है. उनका एक पुत्र अल्फ्रेड पास्काल सेवा केंद्र में कार्यरत थे.उनका निधन हो गया.कुल मिलाकर कुर्जी पल्ली में धर्म प्रचार करने वाले पास्कल मास्टर के उल्लेखनीय कार्य बदौलत कुर्जी पल्ली का व्यापक प्रसार हो गया है. पटना महाधर्मप्रांत के सबसे बड़ी पल्ली कुर्जी पल्ली ही है.यहां के गिरजाघर भी बहुत बड़ा है.लगभग तीन हजार लोग एक साथ बैठकर गिरजा में भाग ले सकते हैं.जनसंख्या में बढ़ने के कारण कब्रिस्तान छोटा पड़ गया है.
शुक्रवार, 11 अगस्त 2023
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बिहार : कुर्जी पल्ली का प्रचार - प्रसार करने वाले शख्स पास्काल मास्टर को याद किया
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