पटना. दीघा थाना अंतर्गत मैनपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया नीलेश यादव को अपराधियों द्वारा गोली मारने की घटना में प्राथमिकी दर्ज कर कई पहलुओं पर अनुसंधान जारी है.तकनीकी अनुसंधान कर अपराधियों की पहचान की जा रही है. एफ एस एल और अन्य विशेषज्ञ टीम को भी लगाया गया है. उक्त घटना की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. आरोपियों के घर छापामारी की गई है.सभी घर से फरार है. दोनो पक्षों में पूर्व से विवाद चला आ रहा है जिस क्रम में आज की घटना घटी. घटना का सीसीटीवी फुटेज भी प्राप्त किया गया है. प्रारंभिक जांच में यह प्रकाश में आया है कि गोली लाइसेंसी गन से चलाई गई है, गन का लाईसेंस अभियुक्त की पत्नी के नाम पर है. पारिवारिक वाद-विवाद के कारण यह घटना घटित हुई है। इस बीच बताया गया कि पटना नगर निगम के वार्ड नंबर-22 बी की वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह के पति पूर्व मुखिया नीलेश यादव बीजेपी के कार्यकर्ता और वार्ड नंबर-22 सी की पूर्व वार्ड पार्षद रजनी देवी के देवर पप्पू राय राजद के कार्यकर्ता है.दोनों कुर्जी गंगा किनारे रहते हैं.दोनों के बीच दूर के रिश्तेदार भी हैं. इस बीच सोमवार को वार्ड नंबर-22 बी की वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह के पति पूर्व मुखिया नीलेश यादव को अज्ञात लोगों ने गोली मारकर घायल कर दिया.घायल पूर्व मुखिया के परिजनों ने आंख बंद कर राजद के कार्यकर्ता पप्पू राय के भाई पर आरोप लगा दिया कि उसके ही इशारे पर गोली मारी गयी. इससे परेशान होकर राजद कार्यकर्ता पप्पू राय ने दीघा थाना प्रभारी,पाटलिपुत्र थाना प्रभारी और वरीय अधिकारियों के पास मोबाइल कर कह रहे हैं कि इस गोली चालन में मेरे परिवार का किसी की हाथ नहीं है.उन्होंने हाथ जोड़कर कहा हैं कि पूरी जानकारी करने के बाद ही प्रशासन कदम उठाया जाए. उन्होंने कहा कि सही अपराधियों को पकड़े.उसमें मेरा साथ रहेगा.आप जहां भी बुलाएं,वहां पर आने व जाने के लिए तैयार हैं. बताया जाता है कि कुर्जी इलाके में नीलेश मुखिया का काफी दबदबा है. हाल में वसूली को लेकर आपसी रंजिश में उनका निशाना बनाया गया है. दरअसल मरीन ड्राइव पर हजारों की संख्या में इस वक्त दुकानें लगाई जा रही हैं. जिस पर पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं है. मरीन ड्राइव या गंगा पथ का अतिक्रमण कर यहां दुकानें ताकत के दम पर लगवाई जा रही. जिसका नतीजा है कि अब वसूली को लेकर आपराधिक घटनाएं घटती नजर आ रही. उन पर मारपीट का मुकदमा भी दर्ज है. इस मामले में दीघा पुलिस ने नीलेश मुखिया पर एफआईआर भी दर्ज की है. इससे पहले निलेश मुखिया पर शराब के अवैध धंधे का भी आरोप लगा है. शराब के अवैध धंधे का आरोप नवंबर 2021 में लगा था.उस वक्त पुलिस की ओर से पॉलसन रोड के गोदाम में छापेमारी की गई थी जहां शराब पार्टी चल रही थी. बताया जा रहा कि इस छापेमारी के दौरान नीलेश और उसके साथी फरार हो गए थे. पुलिस को गोदाम से शराब स्टॉक करने और सप्लाई करने के सबूत मिले थे. जिसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी.बाद में कोर्ट में जाकर आत्मसमर्पण किए थे.
बुधवार, 2 अगस्त 2023

बिहार : तकनीकी अनुसंधान कर अपराधियों की पहचान की जा रही
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें