सीहोर : अशुभ होगा भद्राकाल में बहन द्वारा भाई को राखी बांधना : ज्योतिष आचार्यं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 25 अगस्त 2023

सीहोर : अशुभ होगा भद्राकाल में बहन द्वारा भाई को राखी बांधना : ज्योतिष आचार्यं

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सीहोर। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम की निशानी है लेकिन इस वर्ष भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना गया है. ऐसे में रक्षाबंधन के लिए 30 अगस्त बुधवार को भद्राकाल समाप्त होने के बाद रात 9 बजकर 5 , मिनट से 11 बजे तक शुभ एवं अमृत चौघडिय़ा में राखी बांधना शुभ रहेगा। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिंमा के दिन मनाया जाएगा। ज्योतिष आचार्यं पंडित भानु प्रकाश शर्मां ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार भद्राकाल में राखी बांधना शुभ नहीं है इस दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है। रक्षाबंधन पर  सबसे पहले गणेशजी को राखी अर्पित करें. ऐसा करने से अशुभ योगों का असर खत्म हो जाता है. इस पर्व पर भाई-बहन दूर हैं तो बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए भगवान गणेश या श्रीकृष्ण की मूर्ति को राखी बांध सकती हैं। बहने अपने भाई को खाली हाथ राखी बांधती है जोकि गलत है. ऐसी परंपरा है की राखी बांधते समय भाई का हाथ भरा हुआ हो. इसलिए बहने अपने भाई के हाथ में नारियल रखती हैं, भाई नारियल पकड़ता है और बहन राखी बांधती है. हाथ भरा होने के पीछे यह कामना रहती है कि भाई के हाथ में सदैव लक्ष्मी बनी रहे. इसी कारण उसके हाथ में नारियल रखा जाता है, जिससे महालक्ष्मी का आशीवाज़्द पूर्णत: बना रहेगा।


ज्योतिष आचार्यं पंडित शर्मा ने बताया की राखी बांधने से पहले थाली में रोली, चंदन, अक्षत,  एक घी का दीपक, नारियल, रक्षासूत्र और मिठाई रखे. रक्षा सूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान, अपने ईष्टदेव, कुलदेव और पितरों को अर्पित करें. इसके बाद भाई को तिलक लगाएं फिर उसका मुंह मीठा कराएं. इसके बाद दाहिनी कलाई में रक्षासूत्र बांधते हुए मंत्र बोलें फिर आरती उतारें. बहन भाई एक-दूसरे की उन्नति, सुख-समृद्धि के प्रति भगवान से प्रार्थना करें। नारियल नहीं है तो भाई अपने हाथ में कुछ रुपये हाथ में रखकर भी राखी बंधवा सकते हैं. लेकिन इसके अलावा कुछ नहीं रखना चाहिए. एक ही श्रीफल से पूरे परिवार के लोग राखी बंधवा सकते हैं। राखी बांधते हुए 3 गांठ बांधे. इसमें पहली गांठ भाई की लंबी उम्र और सेहत के लिए, दूसरी गांठ सुख समृद्धि के लिए और तीसरा रिश्ते को मजबूत करने की कामना से ब्रह्मा, विष्णु, महेश का ध्यान करके बांधे। राखी बांधते वक्त भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर और बहन का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.

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