मधुबनी : एसएनसीयू को अपडेट रखने का एसपीओ ने दिया निर्देश. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 1 सितंबर 2023

मधुबनी : एसएनसीयू को अपडेट रखने का एसपीओ ने दिया निर्देश.

  • एसएनसीयू में दवा एवं उपकरणों की उपलब्धता हो सुनिश्चित 
  • शिशु मृत्यु दर को कम करने में अहम है एसएनसीयू 

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मधुबनी, 1 सितंबर। जिला में नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीर प्रयास किए गए हैं। इनमें से एक स्पेशल न्यूबार्न केयर यूनिट की स्थापना है। जहां पर जोखिम वाले नवजात का इलाज किया जाता है। एसएनसीयू की मदद से नवजात के स्वास्थ्य का परिदृश्य  बदल रहा है। नवजात मृत्यु दर को कम करने में एसएनसीयू की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस क्रम में बुधवार को एसपीओ डॉ. जी के राय ने वीसी के माध्यम से एसएनसीयू को अपडेट रखने का निर्देश दिया। साथ ही दवा एवं उपकरणों की उपलब्धता, बेड की क्षमता बढ़ाने, वेंटिलेटर का संचालन  सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। निर्देश के आलोक में गुरुवार को क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने सदर अस्पताल स्थित  एसएनसीयू का निरीक्षण किया। इस दौरान एसएनसीयू के नोडल ऑफिसर डॉ कुणाल आनंद यादव, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद  मौजूद रहे। 


शिशु मृत्यु दर को कम करने में एसएनसीयू महत्वपूर्ण: 

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा  ने बताया कि शिशु मृत्यु दर को कम करने में स्पेशल न्यूबॅार्न केयर यूनिट का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए यहां एसएनसीयू को आधुनिक बनाया गया है। यहां शिशु चिकित्सक की निगरानी में गंभीर जोखिम वाले नवजात का आवश्य इलाज व देखभाल की जाती है। एसएनसीयू में वार्मर, एंबु बैग, सीपेप व अन्य आधुनिक उपकरण व आवश्यक दवाइयां मौजूद हैं। 


शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करना एसएनसीयू का उद्देश्य: 

नोडल ऑफिसर डॉ कुणाल आनंद यादव ने बताया शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने के उद्देश्य से स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट बनायी गयी है। जो बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। सही समय पर उचित स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में नवजात को गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। नवजात में होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की समय पर पहचान कर उन्हें सुरक्षित रखने की हर कोशिश की जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए आधुनिक एसएनसीयू प्रभावती अस्पताल में है। यहां पर कुल क्षमता 16 है। बेड की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। प्रतिमाह 100 से 110 बच्चे एसएनसीयू में इलाज के लिए आते हैं। बच्चों की जान को एसएनसीयू के मदद से बचाया जाता है। बच्चे को एसएनसीयू से डिस्चार्ज करने के बाद नियमित तौर पर फॉलोअप किया जाता है। 


इन बच्चों को किया जाता है भर्ती:

डॉ कुणाल ने बताया एसएनसीयू में ऐसे बच्चों को भर्ती किया जाता है जिनका जन्म समय से पूर्व हुआ है और उनका वजन अत्यधिक कम है। साथ ही बच्चा पैदा होने के बाद रोया नहीं हो। जन्म के समय जान्डिस, सांस लेने में तकलीफ, पेट में तनाव व सूजन आदि, गंदा पानी पिये हो या ऐसे ही अन्य जोखिम वाले मामले में नवजात का एसएनसीयू में इलाज किया जाता है।

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