सुपौल : “लैंगिक संवेदीकरण तथा घरेलू हिंसा” विषयों पर एक दिवसीय कार्यशाला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 24 सितंबर 2023

सुपौल : “लैंगिक संवेदीकरण तथा घरेलू हिंसा” विषयों पर एक दिवसीय कार्यशाला

Seminar-sex-discrimination
सुपौल, आज दिनांक 22.09.23 को समाज सुधार अभियान के अंतर्गत समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार, सुपौल में “लैंगिक संवेदीकरण तथा घरेलू हिंसा” विषयों पर एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन श्री शैशव यादव, पुलिस अधीक्षक, सुपौल, श्री मुकेश कुमार, उप विकास आयुक्त, सुपौल, श्री राशिद कलीम अंसारी, अपर समाहर्ता, सुपौल, श्री शशि कुमार, सहायक निदेशक, समाजिक सुरक्षा कोषांग, सुपौल, श्रीमती शोभा सिन्हा, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आई.सी.डी.एस., सुपौल, महिला एवं बाल विकास निगम, पटना राज्य कार्यालय से प्रबंधक क्षमता वर्धन श्रीमती रश्मि रंजन एवं जिला परियोजना प्रबंधक, महिला एवं बाल विकास निगम श्री संतोष कुमार राकेश, महिला एवं बाल विकास निगम के तकनीकी सहयोगी संस्था C3 से डॉक्टर अनामिका प्रियदर्शनी, श्री प्रकाश रंजन, जिला परियोजना प्रबंधक जीविका सुपौल, श्री विजय कुमार साहनी द्वारा किया गया। पुलिस अधीक्षक, सुपौल द्वारा बताया गया कि महिला पुलिस स्टेशन तथा महिला हेल्प डेस्क का संचालन किया जा रहा है। इसका लाभ आम नागरिकों को उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं। पुलिस में भी काफी संख्या में महिलाएं हैं जो पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा सशक्त साबित हो रही हैं, जरुरत है उन्हें मंच और सम्मान देने के लिए। उप विकास आयुक्त, सुपौल द्वारा बताया गया कि महिलाएं पुरुष से अधिक बढ़ चढ़ कर समाज के विकास में योगदान कर रही हैं। पुरुषवादी समाज आज महिलाओं को सरकारी नीति के तहत पद और प्रतिष्ठा समाज में दोनों मिल रहा है जो परिवर्तन का द्योतक है। अपर समहर्ता, सुपौल द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षण एक व्यक्ति के लिए नहीं होता है। प्रशिक्षण में भागीदार बनकर इसे जन-जन तक पहुँचने का कार्य किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से लाभ हो महिलाएं इसका उपयोग कर सके।


महिला एवं बाल विकास निगम, पटना बिहार की प्रतिनिधी द्वारा बताया कि समाज में नर और नारी के बीच भेदभाव मिटाने, बच्चे और बच्चियों के बीच समानता लाने एवं महिलाओं और बच्चियों के सर्वांगपूर्ण विकास हेतु बिहार सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास निगम एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत है। उन्होंने बताया कि समाज सुधार अभियान तहत घरेलू हिंसा के विरुद्ध समाजिक जागरूकता कार्यक्रम चलाई जा रही है। निगम द्वारा कई प्रकार की योजनाएँ चलायी जा रही है जिसमें  मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना, बेटी बचाव, बेटी पढ़ाव योजना, अल्पावास गृह, कामकाजी महिला छात्रावास, पालनघर, सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि योजना, कौशल प्रशिक्षण, सखी-वन स्टॉप सेंटर, 181- महिला हेल्प लाइन नम्बर, बाल विवाह और दहेज निषेध को समाप्त करने का अभियान, लैगिक समानता हेतु जागरूकता कार्यक्रम, कार्य स्थल पर महिलाओं के विरुद्ध यौन उत्पीड़न, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रमों  जैसे कई महत्वपूर्ण योजनाओं को पुरे बिहार में क्रियान्वित की जा रही है। उन्होंने एक आकड़े का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार सभी प्रकार के हिंसाओं में सर्वाधिक हिंसा ‘घरेलू हिंसा’ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का आकड़ा कहता है कि 18 से 49 आयु वर्ग कि 95 % शादीशुदा महिलाएं अपने पतियों द्वारा हिंसा का शिकार होती हैं। विगत चार वर्षों में बिहार में सखी वन स्टॉप सेंटर में 18,887 मामलें दर्ज़ किये गए हैं I सुपौल जिला में घरेलू हिंसा के 1704 मामले दर्ज़ किये गए हैं, जिनमे 1664 मामलों का निपटारा भी किया गया है।  


बिहार में 40% बाल विवाह हो रहा है। सुपौल में यह आकड़ा 55.9 प्रतिशत है, जो भयावह है। इससे बच्चियों के शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक विकास को बाधा पहुंचता है। ये भविष्य की भावी माताएँ है जिनका शरीर स्वयं अविकसित है, तो आने वाले बच्चों का स्वास्थ्य कैसा होगा? महिला एवं पुरुष के मध्य भेदभाव को दूर करने तथा महिला एवं बच्चियों के लिए सद्भावना पूर्ण समाज का निर्माण करने के लिए महिला एवं बाल विकास निगम कृतसंकल्पित है। पटना से आये C3 के विषय विशेष्ज्ञ डॉक्टर अनामिका प्रदर्शनी एवं श्री प्रकाश रंजन के द्वारा लैंगिक संवेदीकरण, घरेलू हिंसा तथा महिलाओं के सहयोग में जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं के विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण प्रदान किया। जीविका से आये सभी जीविका दीदियों ने कार्यशाला में उत्साह पूर्वक भाग लिया। महिला का सुरक्षा, संरक्षण तथा सशक्तिकरण के लिए महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा “सखी वन स्टॉप सेंटर तथा डी.एच.ई.डब्यू.” के नाम से सभी जिलों में एक मंच महिलाओं को प्राप्त है, जहाँ कोई भी महिला अपनी जागरूकता एवं किसी भी प्रकार का हिंसा के खिलाफ आवेदन दे सकती है। ‘181-महिला हेल्प लाइन नम्बर’ के माध्यम से घर बैठे मदद ले सकती हैं। इस कार्यक्रम में डी.एच.ई.डब्ल्यू. सुपौल के जिला मिशन कोऑर्डिनेटर, सखी वन स्टॉप सेंटर सुपौल के केंद्र प्रशासक, केस वर्कर जीविका के जिला तथा प्रखंड स्तरीय कर्मी के साथ सुपौल जिले में गठित सभी चालीस संकुल स्तरीय संघों से लीडर उपस्थित हुए, जो सुपौल के सभी पंचायतों का प्रतिनिधित्व करती हैं। मंच का संचालन भगवन जी पाठक द्वारा किया गया। सहायक निदेशक, समाजिक सुरक्षा कोषांग श्री शशि कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यशाला का समापन किया गया।

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