बिहार : अजय राय उर्फ विशाल और नीलेश मुखिया के बीच लेनदेन में विवाद ही हत्या का कारण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 17 सितंबर 2023

बिहार : अजय राय उर्फ विशाल और नीलेश मुखिया के बीच लेनदेन में विवाद ही हत्या का कारण

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पटना. पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया थे नीलेश यादव. पूर्व मुखिया की हत्या 31 जुलाई को कर दी गयी.एसएसपी राजीव मिश्रा के अनुसार अजय ने ही नीलेश की हत्या कराने का प्रपोजल दिया था.फिर शूटर्स को लाने में भी अजय की अहम भूमिका रही है. पटना नगर निगम में 75 वार्ड है.इसके वार्ड नंबर 22 बी से सुचित्रा सिंह वार्ड पार्षद है.लगातार दो बार से विजयी हो रही है.वार्ड पार्षद के पति नीलेश यादव पूर्व मुखिया हैं.पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत के मुखिया थे. 31 जुलाई को नीलेश यादव की हत्या सरेआम हत्या कर दी गयी.हत्या की साजिश रची गई थी.साजिश रचने वाला कोई और नहीं बल्कि नीलेश मुखिया का करीबी अजय राय था. अजय राय जो कई सालों तक उसके साथ रहा था, बाद में अटलपथ पर 7 एकड़ जमीन के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया.इसके अलावे अन्य कारण भी हो सकते है. राजधानी पटना का चर्चित नीलेश मुखिया हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है.पटना पुलिस की मानें तो 7 करोड़ रुपए की एक जमीन की वजह से नीलेश मुखिया की हत्या की साजिश रची गई थी और साजिश रचने वाला कोई और नहीं बल्कि नीलेश मुखिया का करीबी अजय राय ही था. अजय राय जो कई सालों तक उसके साथ रहा था, बाद में इसी जमीन को लेकर उसका नीलेश मुखिया से विवाद हो गया था. पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि 7 करोड़ के अटलपथ पर स्थित जमीन का रोड़ा बने और अन्य कारणों से मृतक नीलेश मुखिया के करीबी अजय राय उर्फ विशाल ने तीनों नामजद पप्पू राय,राजकुमार उर्फ धप्पू राय और गोरख राय नामक आरोपितों के साथ मिलाकर इस पूरे षड्यंत्र को रचा था. और इस हत्याकांड को अंजाम दिलवाया था.इस तरह नीलेश मुखिया हत्याकांड का सफल उद्भेदन पटना पुलिस ने कर दिया है.


पटना पुलिस ने हत्याकांड का उद्भेदन करते हुए कहा कि 7 करोड़ के अटलपथ पर स्थित जमीन के एक भू-भाग पर नीलेश मुखिया का भी कब्जा था. पुलिस का दावा है कि इसी जमीन के लिए नीलेश मुखिया की हत्या की गई है. करीब 7 करोड़ रुपये के भू-खंड के मामले में नीलेश रोड़ा बन रहा था.साजिश रचने वाला कोई और नहीं बल्कि नीलेश मुखिया का करीबी अजय राय था. अजय राय जो कई सालों तक उसके साथ रहा था, बाद में इसी जमीन को लेकर उसका नीलेश मुखिया से विवाद हो गया था.इसमें मुख्य रूप से पप्पू राय, धप्पू राय, गोरख राय और अजय राय शामिल थे. इस हत्या की साजिश पप्पू और धप्पू राय की ऑफिस में रची गई थी. पप्पू और धप्पू राय की तरफ से अजय राय को 25 लाख की सुपारी दी गई थी. अजय राय ने ही शूटर हायर किया था और उसे 5 लाख रुपया ही दिया था और 20 लाख रुपये अजय, संतोष और उदय ने आपस में बांट लिया था. इस बीच पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि 15 सितम्बर की देर शाम हत्याकांड के मुख्य षडयंत्रकर्ता अजय राय उर्फ विशाल कुमार, संतोष कुमार और उदय कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है.बता दे की मामले में पटना पुलिस ने तीनों भाइयों की चल संपति की कुर्की के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए 3 और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था.बता दें कि, पुलिस ने इससे पहले घटना में शामिल पांच शूटरों,सुपारी देने वाले और अब इस घटना में तीन अन्य आरोपियों संतोष कुमार,और उदय कुमार को दीघा थाना इलाके गिरफ्तार किया है.वहीं इन दोनों की निशानदेही पर अजय राय उर्फ विशाल को पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र से पकड़ा गया है.

 

बहरहाल पटना पुलिस ने इस हत्याकांड मामले का पूरा खुलासा कर दिया है. एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि हत्या के लिए आरोपियों ने कुल 25 लाख की सुपारी दी थी. फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी के पास से 36 हजार कैश,एक पिस्टल ,जिंदा कारतूस और क्रिएटा कार बरामद किया है. नामजद प्राथमिकी अभियुक्तों के कुर्की की करवाई के बाद गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है. गिरफ्तारी के बाद हुए पूछताछ में अजय ने पुलिस को बताया है कि अटल पथ के एक विवादित जमीन है. जिसकी कीमत 7 करोड़ रुपए है. इस प्लॉट के बीच में नीलेश आ गया था. जमीन के एक हिस्से की उसने रजिस्ट्री करा ली थी.उस जमीन को देने के लिए अजय ने 38 लाख रुपए नीलेश को दिए थे. मगर इसका दावा है कि उसकी डिमांड और बढ़ गई. वो 45 लाख रुपए मांग रहा था. इसी के बाद दोनों के बीच विवाद हुआ. इनके बीच विवाद के और भी कुछ कारण हैं.इसके बाद ही अजय, पप्पू और धप्पू राय से मिल गया. क्योंकि नीलेश और पप्पू व उसके भाइयों के बीच पहले से विवाद था. ये लोग हर हाल में नीलेश को रास्ते से हटाना चाहता था. ऐसे में अजय का मिलना इन लोगों के लिए बढ़िया हो गया.एसएसपी के अनुसार अजय ने ही नीलेश की हत्या कराने का प्रपोजल दिया था.फिर शूटर्स को लाने में भी अजय की अहम भूमिका रही है. जबकि हत्या के लिए रुपए पप्पू और उसके भाइयों की तरफ से दिया गया. अब तक इस मामले में कुल 8 अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.साजिशकर्ता के साथ मिलने वाले पप्पू और उसके भाई अब भी फरार हैं. उनकी संपत्तियों की कुर्की जब्ती पुलिस कर चुकी है।

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