मधुबनी : एमडीए कार्यक्रम का हुआ आगाज, सिविल सर्जन ने दवा खाकर की शुरुआत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 20 सितंबर 2023

मधुबनी : एमडीए कार्यक्रम का हुआ आगाज, सिविल सर्जन ने दवा खाकर की शुरुआत

  • आमजनों से अपील फाइलेरिया से बचाव के लिए जरूर खाएं दवा 
  • बूथ स्तर पर खिलाई जा रही है दवा,17 दिन तक चलेगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम

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मधुबनी, लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आगाज सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसरिया ने दवा खाकर सदर अस्पताल से किया। उन्होंने लोगों से अपील की की फाइलेरिया या हाथी पांव कुरूपता और अपंगता की बीमारी है। इससे बचाव का सबसे सरल और आसान उपाय है कि साल में एक बार चलने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड के दौरान पांच साल तक लगातार फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया जाए। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम जब किसी के घर जाए, तो उसके सामने दवा का सेवन अवश्य करें। सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) का आयोजन अगले 17 दिन तक किया जाएगा, जिसमें तीन दिन बूथ स्तर पर तथा 14 दिन घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में  आइसीडीएस, जीविका,शिक्षा, पंचायतीराज, नगर निकाय एवं अन्य विभागों के अलावे विश्व स्वास्थ्य संगठन, पिरामल,प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआइ) और सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) जैसी स्वयंसेवी संस्थाएं भी स्वास्थ्य विभाग को सहयोग प्रदान कर रही हैं।


क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है फाइलेरिया :

कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। 


शहरी क्षेत्र सहित तीन प्रखंडों में लोगों को खिलाई जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने बताया कि लोगों को फाइलेरिया संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए आशा व आंगनबाड़ी सेविका द्वारा लोगों को बूथ स्तर पर तथा घर-घर जाकर अपनी उपस्थिति में डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। एमडीए कार्यक्रम के दौरान जिले में शहरी क्षेत्र के 1-45 वार्ड के 100 आंगनबाड़ी केंद्र तथा 50 विद्यालयों में पंडोल मे 475,विस्फी में 549 व बेनीपट्टी 669 कुल 1843 बूथ बनाए गए हैं, जहां लोगों को के लोगों को यह दवा खिलाई जाएगी। जिसके लिए इन प्रखंडों में 45 लाख 75 हजार डीईसी तथा 15 लाख एल्बेंडाजोल की टेबलेट उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा सभी लोगों को दवा खिलाई जानी है।


इस प्रकार करना है दवा का सेवन :

डॉ. झा ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में दो वर्ष से पांच वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, छः वर्ष से चौदह वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं पंद्रह वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं तथा गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है। कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। इस मौके पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, क्लर्क लक्ष्मीकांत, पिरामल डीपीओ धीरज कुमार सिंह, सीफार प्रमंडलीय समन्वयक कार्यक्रम अमन कुमार, पीसीआई के जिला को-ऑर्डिनेटर विशाल कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।

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