तीनों भाइयों और शूटर्स के बीच दानापुर के रहने वाले विकास कुमार उर्फ विकास प्रसाद उर्फ विकास जायसवाल ने लाइनर की भूमिका निभाई थी.इसका खुलासा रविवार को पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने किया. पुलिस के मुताबिक, डील में से कुछ रुपए अपराधियों को दिए जा चुके हैं, लेकिन कितने दिए गए? इस बारे में पुलिस ने कुछ भी बताने से मना कर दिया है. नीलेश मुखिया के हत्यारों को पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम बनी हुई, जिसमें सिटी एसपी सेंट्रल वैभव शर्मा, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर, पाटलिपुत्र, बुद्धा कॉलोनी, कोतवाली के थानेदार और स्पेशल सेल की टीम शामिल थे. इस टीम ने अपने इनपुट के आधार पर वारदात में शामिल तीन अपराधियों को गंगा पथ के पास से पकड़ा है. इसमें मो. इमरान उर्फ लल्लू और क्यूष खान शामिल हैं.ये दोनों शूटर हैं और पटना सिटी के सुल्तानगंज के रहने वाले हैं. पुलिस ने इन दोनों के साथ लाइनर विकास कुमार को भी गिरफ्तार किया है.इन अपराधियों के पास से वारदात में इस्तेमाल 2 पिस्टल, 4 मैगजिन और 2 मोबाइल को बरामद किया है.साथ में 5 गोली भी मिली है. गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में इन अपराधियों ने असलियत बताई है. 31 जुलाई को पाटलिपुत्र इलाके में कार सवार नीलेश मुखिया को घर से ऑफिस जाते वक्त गोली मारी गई थी. एसएसपी के अनुसार, उस दिन मो. इमरान बाइक चला रहा था और पीछे क्यूष खान बैठा था. उसने ही नीलेश मुखिया को गोली मारी थी.इसके बाद मौके से ये अपराधी फरार हो गए थे.
पुलिस ने कुछ दिन पहले ही इस वारदात में शामिल पटना सिटी के खाजेकलां के रहने वाले दो अपराधियों सैय्यद शाहनवाज और मो. राजा को गिरफ्तार किया था.इन दोनों अपराधियों से ही मो. इमरान और क्यूष खान और विकास कुमार की पहचान हुई.जिसके बाद से पुलिस की टीम इन्हें पकड़ने में जुटी हुई थी.इस मामले में अब तक 5 अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. एसएसपी ने बताया कि नीलेश मुखिया की हत्या के पीछे की वजह जमीन विवाद और बालू का कारोबार है.जो लंबे वक्त से पप्पू राय और नीलेश मुखिया के बीच चला आ रहा है.पकड़े गए अपराधियों से वारदात में शामिल कुछ और अपराधियों की जानकारी दी है. पप्पू और उनके दोनों भाई भी फरार हैं.इनकी संपत्ति की कुर्की जब्ती के लिए कोर्ट में आवेदन दिया जा चुका है.आदेश मिलते ही इनकी संपत्ति जब्त की जाएगी.वहीं, इनकी गिरफ्तारी के प्रयास काफी तेज कर दिए गए हैं. बता दें कि नीलेश मुखिया के परिवार वाले कहा करते थे कि पप्पू राय और उसके दोनों भाई नीलेश मुखिया को मार डालेंगे. उसकी जानकारी पुलिस को थी.फिर भी नीलेश मुखिया को सुरक्षाकर्मी उपलब्ध नहीं कराया गया.व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए अस्त्र-शस्त्र देने की मांग नीलेश मुखिया व उनके परिजन डीएम तक किए थे.इसकी भी जांच होनी चाहिए कि बारंबार आवेदन देने के बाद आवेदक की मांग क्यों नहीं पूरी की जा रही थी?
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