- एक्स्पों में लगे स्टालों में रखी उत्कृष्ट कालीनों को देखकर गदगद हुए सीमए, निर्यातकों से वार्ता कर जाना हाल, मुख्यमंत्री ने ओडीओपी के विभिन्न योजनाओं के 13 लाभार्थियों को किया सम्मानित
- अपने उत्कृष्ट उत्पादों के निर्यात के कारण भदोही को मिला है ‘टाउन्स आफ एक्सपोर्ट एक्सलेंसी’ एवार्ड, मुख्यमंत्री ने हस्तनिर्मित कालीनों का ‘ब्राण्ड कालीन’ का बटन दबाकर लोकापर्ण किया
- सीईपीसी के कार्यवाहक चेयरमैन महाबीर प्रताप शर्मा राजा व प्रशासनिक समिति सदस्य रोहित गुप्ता ने सीएम को स्मृति चिन्ह के रुप में कालीन भेंट किया

वाराणसी (सुरेश गांधी) कालीन निर्यात सवर्धन परिषद (सीईपीसी) के तत्वावधान में कार्पेट एक्सपो मार्ट, कार्पेट सिटी भदोही में आयोजित चार दिवसीय 45वें इण्डिया एक्सपो का उद्घाटन रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फीता काटकर किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मेले में लगे स्टालों पर रखी उत्कृष्ट कालीनों की सराहना करते हुए निर्यातकों से चर्चा के दौरान समस्याओं से भी रु-ब-रु हुए। ओडीओपी के विभिन्न योजनाओं के 13 लाभार्थियों को सम्मानित किया। बायरों, निर्यातकों व बुनकरों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के हस्तशिल्पियों के हुनर की वैश्विक स्तर पर डिमांड बढ़ी है। इसकी बड़ी वजह यह है कि जब भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशी दौरे पर होते है वहां के राष्ट्राध्यक्षों को यूपी के शिल्पकारों द्वारा निर्मित उत्पादों को न सिर्फ भेंट करते है बल्कि ब्रांडिंग भी करते है। परिणाम यह है कि यूपी का एक्स्पोर्ट 250 गुना बढ़ गया। इस दौरान मुख्यमंत्री को सीईपीसी के कार्यवाहक चेयरमैन महाबीर प्रताप शर्मा राजा व प्रशासनिक समिति सदस्य रोहित गुप्ता ने स्मृति चिन्ह के रुप में कालीन भेंट किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग राकेश सचान, स्टांप शुल्क पंजीयन राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल व जनपद प्रभारी मंत्री दानिश आजाद, विधायक दीनानाथ भास्कर, विपुल दुबे, पूर्व विधायक रवीन्द्र त्रिपाठी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्यातकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वो प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इण्डिया’ अभियान को साकार व सफल करने में महती भूमिका निभा रहे है। ‘वोकल फार लोकल’ एवं ‘लोकल फार ग्लोबल’ का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा ‘मेक इन इण्डिया को जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ के साथ आगे बढ़ाने का जो एक दूरदर्शी लक्ष्य हम सबके सामने प्रस्तुत किया गया है, वह धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर सीईपीसी के प्रशासनिक सदस्य वासिफ अंसारी, सूर्यमणि तिवारी, महावीर प्रताप शर्मा, रोहित गुप्ता, एकमा के रजा खॉ, असलम महबूब, फिरोज वजीरी आदि मौजूद थे। इसके पूर्व विश्व प्रसिद्ध कालीन मेले की हस्तनिर्मित कालीन के सास्कृतिक विरासत व बुनाई कौशल को बढ़ावा देने सहित कालीन उद्योग को नई पहचान, बढ़ रहा बुनकरों का सम्मान आधारित लघु फिल्म का प्रसारण भी किया गया। कार्पेट बेल्ट में निर्मित कालीनों की विशिष्ट पहचान के लिए ब्राण्ड कालीन का मुख्यमंत्री द्वारा लोकापर्ण भी किया गया।
प्रियंका ने मंहत अवैद्यनाथ का तैल चित्र योगी को भेंट किया
वाराणसी। स्टॉल भ्रमण के दौरान समाजसेवी प्रियंका जायसवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु एवं नाथ संप्रदाय की परम्परा के महंत अवैद्यनाथ का तैल चित्र भेट किया। प्रियंका जायसवाल के आकर्षक तैल चित्र की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई दी और उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री कालीन निर्यात सवर्धन परिषद (सीईपीसी) के तत्वावधान में कार्पेट एक्सपो मार्ट, कार्पेट सिटी भदोही में आयोजित चार दिवसीय 45वें इण्डिया एक्सपो का उद्घाटन के लिए भदोही पहुंचे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मेले में लगे स्टालों की भ्रमण कर निर्यातकों से चर्चा के दौरान समस्याओं से भी रु-ब-रु हुए। इसी बीच प्रियंका जायसवाल ने उन्हें तैल चित्र भेंट किया। बता दें, योगी के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ थे। गोरक्षपीठ में आने से पहले योगी के गुरु महंत अवैद्यनाथ राय सिंह बिष्ट के बेटे कृपाल सिंह बिष्ट के नाम से जाने जाते थे। कृपाल सिंह बिष्ट का जन्म 18 मई 1919 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के कांडी ग्राम में हुआ था। बाल्यावस्था में ही कृपाल सिंह बिस्ट के माता-पिता का स्वर्गवास हो गया। ये अपनी दादी की गोद में पले बढ़े थे। ऋषिकेश के सन्यासियों का साथ मिलते ही अपने पिता की इस एकलौती संतान ने बचपन में ही घर-बार छोड़ दिया था। 8 फ़रवरी 1942 को महंत दिग्विजयनाथ ने नाथ पंथ की दीक्षा दिए जाने के साथ ही योगी आदित्यनाथ के गुरु का नाम “अवैद्य” दिया। यहीं से योगी आदित्यनाथ के गुरु योगी से महंत योगी अवैद्यनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुए। 12 सितम्बर, 2014 की शाम 8 बजे परम पूज्य गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी अवैद्यनाथ ने इस संसार को अलविदा कह दिया। योगी आदित्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ को 14 सितम्बर को गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी क्षोर उनके गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के बगल में समाधि दी गई।
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