
सीहोर, नगर के वार्ड 23 जनता कालोनी में नव युवा दुर्गा उत्सव समिति द्वारा सात दिवसीय देवी भागवत पुराण का आयोजन किया जा रहा है। कथा के पांचवे दिन कथा वाचक पंडित श्री बैरागी ने कहा कि नवरात्रि की पांचवी देवी को स्कंदमाता कहा जाता है। भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में मां ने स्वामी कार्तिकेय को जन्म दिया था। स्वामी कार्तिकेय का दूसरा नाम स्कंद है, इसलिए मां दुर्गा के इस रूप को स्कंदमाता कहा गया है। जो कि प्रेम और वात्सल्य की मूर्ति हैं। पहाड़ो पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वाली मां स्कंदमाता है। नवरात्रि में पांचवें दिन इस देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते है कि उनकी कृपा से अज्ञानी भी ज्ञानी हो जाता है। देवी पुराण कथा का वर्णन श्रोताओं को करते हुए बताया कि वन से जब रावण मां सीता को हरण कर ले गया तो, भगवान माता सीता की खोज में निकल पड़े जहां हनुमान, सुग्रीव, नल- नील सहित वानर सेना के साथ रावण से युद्ध करने लंका की ओर चल दिए। जहां भगवान श्री राम ने विधिवत मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर लंकापति रावण का वध किया। और माता सीता को वापस लेकर आए। आगे बताया कि जब भगवान श्री कृष्ण पर संकट पड़ा और उन पर चोरी का इल्जाम लगा तब उन्होंने देवी भागवत पुराण कराकर इससे मुक्त हुए। शनिवार को कथा के पांचवे दिन यजमान के रूप में मनीष राय सपत्नि कथा में शामिल हुए। कथा के अंत में देवी भागवत पुराण की आरती कर प्रसाद का वितरण किया। इस दौरान नव युवा दुर्गा उत्सव समिति के सभी सदस्य और क्षेत्र के श्रोता बड़ी संख्या में कथा में शामिल हुए।
मां दुर्गा को लगाया 56 भोग
नव युवा दुर्गा उत्सव समिति द्वारा दुर्गा पंडाल में प्रति दिन सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम कराए जा रहे है। इसी कड़ी में शुक्रवार रात आठ बजे हुई आरती में मां दुर्गा को 56 भोग लगाया गया। जहां क्षेत्र के माता के भक्तों ने अपने-अपने घर से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर माता को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया। समिति सदस्यों ने बताया कि अष्टमी के दिन माता के पंडाल में बाबा खाटू श्याम का दरबार सजाया जाएगा। जहां पुष्प वर्षा और इत्र वर्षा कर बाबा श्याम की भक्ति की जाएगी। वही रात 12 बजे महानिशा आरती की जाएगी
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