रांची. कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो को लोयला मैदान में राजकीय सम्मान दिया गया.इस मैदान में पवित्र मिस्सा आयोजित किया गया.रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो के नेतृत्व में मिस्सा किया गया.इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से करीब 30 बिशप, 500 फादर, रोम से नियुक्त किये गए वाटिकन एंबेसी के सदस्य भारत में पोप के राजदूत के प्रतिनिधि मोनसिन्योर अलबेरतो नपोलितानो, शामिल हुए.उनके अंतिम दर्शन के लिए भारी भीड़ जुटी.सीएम हेमंत सोरेन ने भी यहां आकर कार्डिनल को श्रद्धा सुमन अर्पित किया. ख्रीस्तयाग के शुरू में पोप के प्रतिनिधि मोनसिन्योर अलबेरतो नपोलितानो ने कार्डिनल टोप्पो के निधन पर रांची की कलीसिया को पोप फ्रांसिस एवं वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन के संवेदना संदेश को पढ़कर सुनाया.उसके बाद कार्डिनल टोप्पो की जीवनी पढ़ी गई. कैथोलिक ईसाइयों के बड़े धर्मगुरु कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का लंबी बीमारी के बाद 4 अक्टूबर को लीवंस हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में निधन हो गया था.सेंटर में ही 10 अक्टूबर तक रखा गया.वहां पर प्रार्थना करने के बाद कार्डिनल टीपी टोप्पो का पार्थिव शरीर 10 अक्टूबर को विदा किया गया.इसके बाद उन्हें रांची के पुरुलिया रोड स्थित संत मेरीज महागिरिजाघर में लाया गया.जहां लोग अपने प्रिय कार्डिनल का दर्शन किये और पुष्पांजलि अर्पित किये.08 बजे रात में महागिरजाघर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया.फिर 11 अक्टूबर को सुबह 06 बजे से लेकर 12 बजे तक लोग दर्शन कर किये और श्रद्धा सुमन अर्पित किये.राज्य के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी दर्शन किये और श्रद्धा सुमन निवेदित किये. इसके बाद कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का पार्थिव शरीर को लोयला मैदान में लाया गया.यहां पर आज यानी 11 अक्टूबर को राजकीय सम्मान दिया गया.इस मैदान में पवित्र मिस्सा आयोजित किया गया.रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो के नेतृत्व में मिस्सा किया गया.सीएम हेमंत सोरेन सहित कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उनके अंतिम दर्शन को सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.मिस्सा के अंत में रांची महाधर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष थियोडोर मैस्करेनहास, (एसएफएक्स) ने धन्यवाद दिया.जिन्होंने महामहिम कार्डिनर को आजीवन मदद पहुंचाते रहे हैं.
लोयला मैदान में आयोजित कार्यक्रम का संचालन करने वाले ने कहा कि यहां के कार्यक्रम खत्म होने के बाद लाइन बनाकर सबसे पहले कूसधारी लोग चलेंगे.इसके बाद मोमबत्तीधारी चलेंगे.इसके बाद कार्डिनल का पार्थिव शरीर वाला रथ.इसके पीछे बिशप, पुरोहित, गायक मंडली, धर्मबंधु, सिस्टर,विशिष्ट प्रतिनिधि और भाई-बहन चलेंगे.संत मेरीज महागिरजाघर में जगहाभाव होने के कारण बाहर में रहकर प्रार्थना करते रहे. एमेरिटस कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का अंतिम संस्कार करने के लिए पार्थिव शरीर संत मेरीज महागिरजाघर में रखा गया.यहां पर आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने प्रार्थना किये और पवित्र जल का छिड़काव पार्थिव शरीर पर और नवनिर्मित कब्र पर किया.इसके बाद पार्थिव शरीर को नवनिर्मित कब्र में दफन के लिए उतारा गया.पार्थिव शरीर को कब्र में रखने के बाद मिट्टी के बदले फूल डाले गए.संत टेरेसा की प्रतिमा के समक्ष ही कब्र निर्माण किया गया है. इसी जगह कब्र में दफन करने को कार्डिनल ने कह चुके थे. एमेरिटस कार्डिनल तेलेस्फोर प्लासीडस टोप्पो का जन्म 15 अक्टूबर 1939 को हुआ.उनका पुरोहित अभिषेक 3 मई 1969 को हुआ.दुमका धर्मप्रांत के बिशप 8 जून 1978 को नियुक्त हुए. गुमला के चैनपुर में एक आदिवासी परिवार में जन्मे कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति थे. एशिया के वह पहले महापुरुष थे जिन्हें कार्डिनल की उपाधि मिली थी.अब यह सवाल उठ रहा है कि दिवंगत कार्डिनल के बाद रांची महाधर्मप्रांत अथव पटना महाधर्मप्रांत के कौन बिशप कार्डिनल बनेंगे.इसी तरह कार्डिनल को ‘संत‘घोषित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी! रांची के लोयला मैदान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में करीब 30 हजार लोग जुटे. पिछले पांच दिनों में करीब एक लाख लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, सांसद महुआ माजी, राज्य के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, विधायक नेहा तिर्की, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत कई लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए.पटना महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप सेबेस्टियन कल्लूपुरा,फादर एलेक्स वी,फादर अमल राज, फादर कुलदीप, बक्सर धर्मप्रांत के शाहपुर पल्ली के फादर बोज्जा बस्कर भी शामिल थे.
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