ज्ञानवापी : वजूखाने का एएसआई सर्वे के मामले में 21 को आएगा आदेश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 19 अक्तूबर 2023

ज्ञानवापी : वजूखाने का एएसआई सर्वे के मामले में 21 को आएगा आदेश

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वाराणसी (सुरेश गांधी) ज्ञानवापी में सील वजूखाने की एएसआई सर्वे होगी या नहीं, इसका आदेश 21 अक्टूबर को आयेगा। राखी सिंह की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को सुनवाई पूरी हो गई। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जिला जज की अदालत ने आदेश के लिए 21 अक्तूबर की तिथि तय की है। मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी राखी सिंह ने बीते 29 अगस्त को अधिवक्ता सौरभ तिवारी और अनुपम द्विवेदी के माध्यम से ज्ञानवापी के सील वजूखाने के एएसआई सर्वे के लिए 64 पृष्ठ का आवेदन पत्र दायर किया था। मसाजिद कमेटी ने राखी सिंह की तरफ से दायर आवेदन पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए वजूखाने के सर्वे का विरोध किया है। मसाजिद कमेटी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को वजूखाने को संरक्षित व सील किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परे जाकर वजूखाने के एएसआई सर्वे हेतु आदेश नहीं दिया जा सकता। इस पर प्रति आपत्ति दाखिल की गई है। कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को वजूखाने व शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षित करने का आदेश जिलाधिकारी को दिया था। एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे से ढांचे को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा। वजूखाना पूर्णतया सुरक्षित रहेगा और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यथास्थिति बनी रहेगी।


तहखाना प्रकरण में जिला जज ही करेंगे सुनवाई

ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में देने के वाद में दिए गए स्थानांतरण आवेदन पर जिला जज की अदालत ने तय किया है कि अब इस मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत में होगी। यह वाद शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की तरफ से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुभाष नंदन चतुर्वेदी व सुधीर त्रिपाठी के जरिये सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया गया था। बता दें, ज्ञानवापी से जुड़े अन्य मामले जिला जज की अदालत में चल रहे हैं। इस वजह से इस वाद को जिला जज की ही अदालत में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया गया था। इसे लेकर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने स्थानांतरण आवेदन में मूल वाद की संख्या और वर्ष का उल्लेख नहीं किए जाने पर उसे अपूर्ण और त्रुटिपूर्ण बताते हुए खारिज किए जाने का अनुरोध अदालत से किया था। शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने बीते 25 सितंबर को वाद दाखिल किया था। इसके जरिए व्यासजी के तहखाने पर कब्जे की आशंका जताई थी। कहा था कि व्यासजी का तहखाना वर्षों से उनके परिवार के कब्जे में रहा है। वर्ष 1993 के पहले से पूजा-पाठ और राग-भोग होता चला आ रहा था। 1993 के बाद उस तहखाने को प्रदेश सरकार के आदेश से घेर दिया गया। साथ ही पूजा-पाठ से वंचित कर दिया गया। वर्तमान में नंदीजी के सामने स्थित व्यासजी के तहखाने का दरवाजा खुला है। उस जगह वादी और उनके परिवार को जाने से रोका जाता है। आशंका है कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी तहखाने पर कब्जा कर लेगी।  ज्ञानवापी में मां श्रृंगार गौरी मुकदमे के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि व्यास परिवार की ओर से शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दाखिल किया था। इसकी सुनवाई के लिए जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था। जिला जज की अदालत ने आवेदन को मंजूर कर लिया।  

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