विशेष : सजग पुलिस तंत्र के बिना आंतरिक या सीमाओं की सुरक्षा असंभव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2023

विशेष : सजग पुलिस तंत्र के बिना आंतरिक या सीमाओं की सुरक्षा असंभव

किसी भी देश की आंतरिक या सीमाओं की सुरक्षा एक सजग पुलिस तंत्र के बिना संभव नहीं है। देश की सेवा में लगे सभी कर्मियों में से सबसे कठिन ड्यूटी पुलिसकर्मियों की होती है। दिन हो या रात, सर्दी हो या गर्मी, त्यौहार हो या सामान्य दिन, पुलिसकर्मी को अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाने का मौका नहीं मिलता। मतलब साफ है हम चैन की नींद सोते है या पर्वो को धूमधाम से मनाते है तो उसमें पुलिस तंत्र या यूं कहें हमारे सुरक्षा जवानों की बड़ी भूमिका होती है। पिछले एक दशक में आतंकवाद, उग्रवादी हमलों, नक्सलवाद और नस्लीय हिंसा में 65 फीसदी की कमी आई है, तो इसका श्रेय जवानों को ही जाता है। लेकिन यह जभी संभव हो पाता है जब हमारे जवान तनावमुक्त रहे। उन्हें तनावमुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार प्रयासरत है। क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को आमूलचूल रूप से बदलने के लिए मोदी सरकार द्वारा लायी गयी नए क्रिमिनल लॉ उसी कड़ी का एक हिस्सा है

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फिरहाल, देश की लंबी भू-सीमा पर जीवन के स्वर्णिम वर्ष अपने परिवार से दूर रहकर देश की सुरक्षा में बिताने और वीरता, शौर्य और बलिदान देकर देश को सुरक्षित रखने का काम हमारे सभी पुलिसबल करते हैं। यह बाते केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहीं। वे शनिवार को ’पुलिस स्मृति दिवस’ के मौके पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। इसके पूर्व उन्होंने आज़ादी से अब तक देश की आंतरिक और सीमाओं की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले 36,250 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी। अमित शाह ने कहा कि चाहे आतंकवादियों का मुकाबला करना हो, अपराध रोकना हो, भीड़ के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखना हो, आपदाओं औऱ दुर्घटनाओं के समय आम नागरिकों की सुरक्षा करनी हो या कोरोनाकाल जैसे कठिन समय के दौरान पहली पंक्ति में रहकर नागरिकों की सेवा करना हो, हमारे पुलिसकर्मियों ने हर मौके पर अपने आप को साबित किया है। मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को बरकरार रखते हुए सख्त कानून बनाये हैं। पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए ‘पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन’ की स्थापना करके विश्व का सर्वश्रेष्ठ आतंकवादरोधी बल बनने की दिशा में मोदी सरकार ने काम किया है। हमें गर्व होना चाहिए कि 01 सितंबर, 2022 से 31 अगस्त, 2023 तक  पिछले 1 साल में 188 पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ड्यूटी के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। श्री शाह ने कहा कि पिछले एक दशक में हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों के कारण आतंकवाद, उग्रवादी हमलों, नक्सलवाद औऱ नस्लीय हिंसा में इसके सर्वोच्च स्तर से 65 प्रतिशत की कमी आई है। देश के वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य और जम्मू-कश्मीर शांतिपूर्ण हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी शहीदों के परिवारजनों को कहना चाहता हूं कि आज देश दुनिया में आगे बढ़ रहा है, इसकी नींव में आपके परिवारजनों का सर्वोच्च बलिदान है और यह राष्ट्र कभी इसे भुला नहीं सकता है। पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर देशभर के कोने-कोने और सीमा पर आजादी के बाद से अब तक जिन जवानों ने अपना बलिदान दिया है, कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं।


शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव के लिए संसद में तीन विधेयक पेश किए हैं। ये तीनों कानून 150 साल पुराने कानूनों की जगह लेंगे और प्रत्येक नागरिक को सभी संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देंगे। अमित शाह ने एनडीआरएफ के काम को भी सराहा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों में एनडीआरएफ के माध्यम से अलग-अलग पुलिस फोर्स के जवानों ने दुनियाभर में आपदा प्रबंधन में नाम कमाया है। कितनी भी बड़ी आपदा हो, जब एनडीआरएफ का जवान वहां पहुंचता है तो लोगों के अंदर एक भरोसा आता है कि अब कोई दिक्कत नहीं है एनडीआरएफ आ गई है। शाह ने पुलिस फोर्स के मॉडर्नाइजेशन को लेकर कहा- हमारी सरकार ने मॉडर्नाइजेशन के लिए पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन की स्थापना करके दुनिया की सबसे बेहतर एंटी टेररिज्म फोर्स बनाने की दिशा में काम किया है। श्री शाह ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय बनाए गए लगभग 150 वर्ष पुराने कानूनों की जगह लेने वाले इन 3 नए कानूनों में ना सिर्फ भारतीयता दिखाई देगी बल्कि हमारे संविधान की स्पिरिट से हर नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा भी होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने अदालतों में लंबित मामलों को समाप्त करने पर बल दिया है। श्री अमित शाह ने कहा कि यह पुलिस स्मारक एक प्रतीक मात्र नहीं है बल्कि ये हमारे पुलिसकर्मियों के बलिदान, त्याग और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनके समर्पण की पहचान है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सभी जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति पूरी तरह से कटिबद्ध है।


पुलिस स्मृति दिवस

20 अक्टूबर 1959 को लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स में तीन पुलिस के दलों को तैनात किया गया था। इनमें दो दलों के सदस्य उस दिन दोपहर को वापस लौट आए लेकिन तीसरे दल के सदस्य नहीं लौटे। इनमें दो पुलिस कांस्टेबल और एक कमांडर शामिल थे। 21 अक्टूबर को लापता जवानों की तलाश के लिए 20 पुलिसकर्मियों की एक टीम को भेजा गया। इस टीम का नेतृत्व डीएसपी करम सिंह कर रहे थे। दोपहर के समय चीनी सैनिकों ने करम सिंह की टीम पर गोलियां चलाईं और ग्रेनेड फेंके। इस हमले में पुलिस के 10 जवान शहीद हो गए। लगभग एक महीने बाद, 28 नवंबर, 1959 को चीनी सैनिकों ने शहीद पुलिस अधिकारियों के शव भारत को सौंपे। शहीद हुए इन जवानों के सम्मान में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाने का फैसला किया गया। इस दिन केंद्र और राज्य सरकारें शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देती है। सितंबर 2022 से 31 अगस्त 2023 तक की अवधि में देशभर में 188 पुलिसजनों ने कर्तव्य की वेदी पर अपनी जीवनाहुतियां दी। जिनमें आंध्रप्रदेश-01, अरूणाचल प्रदेश-02, असम-02, बिहार-08, छत्तीसगढ़-19, गुजरात-02, हिमाचल प्रदेश-07, झारखण्ड-02, कर्नाटक-16, केरल-02, मध्यप्रदेश -17, मणिपुर.-08, महाराष्ट्र-06, नागालैण्ड-02, उड़ीसा-01, पंजाब-03, राजस्थान-01, तमिलनाडु-03, उत्तर प्रदेश-03, उत्तराखण्ड-04, पश्चिम बंगाल-04, दिल्ली-03, जम्मू कश्मीर-08, लद्दाख-01, बीएसएफ-22,  सीआईएसएफ-01, सीआरपीएफ-15, आईटीबीपी-05, एसएसबी-05, एनडीआरएफ-01, आसाम राइफल-01, आरपीएफ-13 जवान सम्मिलित हैं। उत्तर प्रदेश में संदीप निषाद, आरक्षी नागरिक पुलिस जनपद प्रयागराज, राघवेंद्र सिंह, आरक्षी नागरिक पुलिस प्रयागराज, भेदजीत सिंह, आरक्षी नागरिक जनपद जालौन शहीद हुए।


पुलिस मेमोरियल में होती है परेड

जनवरी 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में किए गए एक प्रस्ताव के परिणामस्वरूप, 21 अक्टूबर को अब पुलिस स्मृति दिवस या शहीद दिवस के रूप में मान्यता दी गई है। 2012 से हर साल 21 अक्टूबर को दिल्ली के चाणक्यपुरी में पुलिस मेमोरियल में परेड का आयोजन किया जाता है। 15 अक्टूबर, 2018 को, भारत में पहले राष्ट्रीय पुलिस संग्रहालय का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली में किया गया था। खुफिया ब्यूरो और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) संग्रहालय के प्रभारी हैं।


कानून का राज स्थापित करने में पुलिसकर्मियों की बड़ी भूमिका : योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर अपने जीवन का बलिदान करने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी और प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने में उनकी भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों का ये बलिदान हमें निरंतर कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा एवं दायित्व बोध के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा। शहीद पुलिसजनों के परिवार के सदस्यों को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी जरूरी कदम उठाने के लिए सदैव तत्पर रहेगी। पुलिसकर्मी अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि मान कर प्रदेश में अपराधों पर लगाम लगाने के लिए कानून व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त रखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 1 नवंबर 2022 से 30 सितंबर 2023 के बीच कर्तव्य पालन के दौरान शहीद पुलिस कर्मियों के साथ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों, अन्य प्रदेश के अर्ध सैन्य बलों, भारतीय सेना में कार्यरत एवं मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले 140 शहीद कार्मिकों के आश्रितों को 38 करोड़ 96 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गयी है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के जनपद या विभिन्न इकाइयों में नियुक्त पुलिस कार्मिकों की सुख-सुविधा के लिए शासन ने 3 करोड़ 50 लाख, कल्याण के लिए चार करोड़, कार्यरत और रिटायर्ड पुलिस कार्मिकों और आश्रितों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति के 301 दावों के निस्तारण के लिए 45 लाख 50 हजार, पांच लाख से अधिक की चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी 63 मामलों 3 करोड़ 87 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं। इसी तरह 103 पुलिस कर्मियों और उनके आश्रितों को गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए अग्रिम रूप में 4 करोड़ 9 लाख, जीवन बीमा योजना के तहत बीमित 370 मृतक पुलिस कार्मिकों के आश्रितों को 10 करोड़ 12 लाख, 112 पुलिस कर्मियों और उनके आश्रितों द्वारा कराए गए कैशलेस उपचार में एक करोड़ 11 लाख, पुलिस कार्मिकों के 158 मेधावी बच्चों को शिक्षा निधि के माध्यम से 77,5000 की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है। वहीं अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित पुलिसकर्मी को सम्मानित करने एवं उनका मनोबल बढ़ाने के लिए गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2023 और स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 पर विशिष्ट सेवाओं के लिए पांच अधिकारी और कार्मिकों को राष्ट्रपति का पुलिस पदक, 125 अधिकारियों और कार्मिकों को पुलिस पदक प्रदान किया गया। इसके साथ ही गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 1154 कार्मिकों को अति उत्कृष्ट सेवा पदक, 942 कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया। पांच राजपत्रित और राजपत्रित पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक प्रदान किए गए।





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सुरेश गांधी

वरिष्ठ पत्रकार

वाराणसी

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