नालंदा : जनता दरबार में जिलाधिकारी ने 16 आवेदकों की समस्याओं को सुना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 2 अक्तूबर 2023

नालंदा : जनता दरबार में जिलाधिकारी ने 16 आवेदकों की समस्याओं को सुना

  • कार्रवाई को लेकर संबंधित पदाधिकारियों  को दिया गया निर्देश

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नालंदा। दैनिक जनता दरबार में जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने आज 16 लोगों की समस्याओं को सुना तथा समस्याओं के निदान के लिए संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। एक आवेदक द्वारा मानपुर थाना क्षेत्र के परोहा गाँव अंतर्गत पइन की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का अनुरोध किया गया।जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी को कार्रवाई का  निर्देश दिया। हरनौत थाना के पोआरी के एक आवेदक द्वारा बताया गया कि उनकी ख़रीदगी की जमीन को दबंग द्वारा जबरन जोत लिया गया है। जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी को त्वरित कार्रवाई का  निर्देश  दिया। अस्थावां प्रखंड के शेरपुर के एक आवेदक द्वारा बताया गया कि नाली की निकासी को उनके दबंग पड़ोसी द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है, जिससे गली में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी को स्थल जाँच कर कार्रवाई का निदेश दिया। हरनौत प्रखंड के नूरनगर के चनिरक महतो ने गलत बिजली बिल के बारे में बताया। जिलाधिकारी ने उक्त मामले को लोकशिकायत अधिनियम के तहत सुनवाई हेतु जिला लोकशिकायत निवारण पदाधिकारी को निदेश दिया।चंडी प्रखंड के अस्ता बढ़ौना निवासी सत्यानंद शुक्ल द्वारा उनकी कायम जमाबंदी में से छूटे हुए प्लॉट की ऑनलाइन प्रविष्ट कराने का अनुरोध किया गया। जिलाधिकारी ने भूमि सुधार उपसमाहर्त्ता हिलसा को मामले की जाँच कर कार्रवाई का निदेश दिया। कुछ अन्य मामलों की सुनवाई लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत सुनिश्चित करने हेतु जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया। अन्य आवेदनों को भी संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को भेजते हुए समाधान के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।


पुलिस की निरंकुशता के कारण लोग अपनी बातों को सही तरीके से नहीं रख सकते 

Chandan Gupta लिखते है कि दीपनगर थाना, बिहार शरीफ, नालंदा के द्वारा हमारे दिए गए आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि, हमने पुख्ता दस्तावेज़ के साथ अपनी परेशानी को उनके सामने रखा है, साथ में हमने हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी के माध्यम से सभी दस्तावेज़ भी उनको उपलब्ध करवाया है हैं। लेकिन, दीपनगर थाने द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, और वे हमें बार-बार थाने में बुला कर अपमानित कर रहे हैं। मुझे भी उन्होंने दो बार दिल्ली से बुलाया और बुलाने के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला। क्योंकि मैं दिल्ली में रहता हूँ, इसलिए बार बार आना जाना संभव नहीं है इसलिए जब हमने अपनी अर्धांगिनी को उनके पास भेजा, तो उन्होंने हमारी अर्धांगिनी को भी अपमान किया। अभियुक्त को कानून का कोई डर नहीं है क्युकी वे पैसे वाले लोग है और उनका कहना है कि तुम कोर्ट, पुलिस और थाना करते रह जाओगे मेरा कुछ भी नहीं बिगड़ पाओगे और तुम्हे कुछ भी हासिल नहीं होगा I साथ में उसने यह भी कहा की थाने का रेट 10,000 रुपया है, उतने में ही हमारा काम हो जायेगा। यह की अभियुक्त ने जाँच अधिकारी सामने हमें थप्पड़ मरने की धमकी की लेकिन हमारी पुलिस वह पर भी मूक दर्शक बनकर देखती रही जब हमने इस सम्बन्ध में आवाज़ उठया तो वो लोग हमें ही जलील करने लगे। यह की अभियुक्त ने हमारे द्वारा किये गए बॉउंड्री को भी तोड़ दिया लेकिन फिर भी पुलिस के द्वारा कोई भी करवाई नहीं किया गया। पुलिस की निरंकुशता के कारण लोग अपनी बातो को सही तरीके से नहीं रख सकते है I यह की इससे पहले भी जाँच अघिकारी के कहने पर ही हमने करारनामा बनवाया था और केस वापस लिया थे इसी के आधार पे उन्हें कोर्ट से बेल मिला और केस को ख़त्म कर दिया गया है I करारनामे मे साफ़ साफ़ लिखा है की एक साल के बाद अभियुक्त हमें जमीन दे देगा इसके बाबजूद भी पुलिस ने अभियुक्तगन को एक बार भी तलब नहीं किया जबकि हमें 20-25 बार थाने बुलाया गया और इसके अलबे काम से काम हमने 100 बार इनलोगो से फ़ोन बात की है I वॉट्स्ऐप पे भी हमने संपर्क किया लेकिन कभी कोई जवाव नहीं एक बार मिला भी तो उन्होंने सिर्फ थाने बुलाया i पुलिस का यह कहना है की यह मामला कोर्ट में है तो हम इस पे कुछ नहीं कर सकते जबकि कोर्ट में जो मामला है उसमे जमीन नहीं देने की बात है जबकि इस मामले में अभियुक्तगण के हामी भरने के बाद भी वो लोग हमें 2 डिसमिल जमीन नहीं दे रहे है और पुलिस कह रही है की हम इसमें कुछ नहीं कर सकते जबकि समझौता इन्होने ही करवाया था। प्रशासन के इस तरह के रवैये से समाज में एक नकारात्मक संदेश जायेगा और लोग इन सबसे बचेंगे I मैं देखता हूँ की बिहार में सबसे जायदा मामला भूमि से ही सम्बंधित है जिसका एक बड़ा कारण प्रशासन की सुस्ती  प्रतीत   होती है I इन्ही सब से गुंडों बदमाश के हौसले बुलंद है और जो बेचारे सीधे साधे लोग है वो थक हर कर छोड़ देते है  क्योंकि   उन्हें लगता है हमारा कोई सुनने वाला है I एक चीज़ मैं और देखता हूँ की परिवादी को ही परेशान किया जाता एक ही आबेदन को बार बार लिखवाया जाता है बार-बार दस्तावेज मांगे जाते थाने बुलाया जाता जबकि यही काम वो लोग अभियुक्त के साथ नहीं करते है इससे भी परिवादी ही परेशान होता है I चुकी हमलोग दिल्ली में रहते है इसलिए हम लोग सुनवाई पे उपलब्ध रह सकते है अगर हमसे कोई जानकारी लेनी है तो नीचे दिए गए फ़ोन पे संपर्क कर सकते है मोबाइल :- 8700038187 और 9311162448,  अतः हम आपके पास आये है ताकि हमें न्याय मिल सके। 


दस्तावेज की सूची :-

आवेदन पत्र - 13.04.23 & 19.08.23

करारनामा

जमीन से संबंधित दस्तावेज

मापी रजिस्ट्री से पहले

मापी करारनामा से पहले

सरकारी नक्शा

ऑडियो रिकॉर्डिंग

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