रांची, 12 अक्टूबर, झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य विधानसभा में हुई अवैध नियुक्तियों पर न्यायमूर्ति विक्रमादित्य प्रसाद की रिपोर्ट पेश करने के लिए विधानसभा सचिव को बृहस्पतिवार को एक सप्ताह का समय दे दिया। मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्तियों को लेकर शिवशंकर शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने याचिका पर पहले सुनवाई करते हुए विधानसभा सचिव को न्यायमूर्ति प्रसाद की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। राज्य विधानसभा में की गई कथित अवैध नियुक्तियों की जांच के लिए न्यायमूर्ति विक्रमादित्य प्रसाद के तहत एक सदस्यीय आयोग नियुक्त किया गया था। झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रसाद का अब निधन हो चुका है। न्यायमूर्ति प्रसाद ने मामले की विस्तृत जांच की और 2018 में राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद राजभवन ने 2021 में विधानसभा को रिपोर्ट भेजकर विधानसभा अध्यक्ष से रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई करने का आग्रह किया। हालांकि, इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके बाद शिवशंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर की। मामले की सुनवाई नौ नवंबर को फिर होगी।
गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023
झारखंड : अवैध नियुक्तियों पर रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत ने एक सप्ताह का समय दिया
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