बेतिया : क्रिश्चियन कॉलोनी का इतिहास 278 साल पुराना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 26 अक्तूबर 2023

बेतिया : क्रिश्चियन कॉलोनी का इतिहास 278 साल पुराना

  • बेतिया धर्मप्रांत का निर्माण का 25 साल पूरा, बिशप बनने के बाद पहली बार बक्सर के बिशप जेम्स शेखर बेतिया में

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बेतिया. बेतिया क्रिश्चियन कॉलोनी में क्रिश्चियन को बसाने में फादर जोसेफ मेरी को पूर्ण श्रेय जाता है.फादर जोसेफ मेरी के द्वारा बेतिया चर्च की स्थापना की गई.इस चर्च का नाम ‘नेटिविटी ऑफ दी ब्लेस्ड वर्जिन मेरी‘ है.बेतिया क्रिश्चियन कॉलोनी का इतिहास 278 साल पुराना है.वहीं स्वतंत्र रूप से बेतिया धर्मप्रांत का निर्माण का 25 साल पूरा हो गया है. फादर जोसेफ मेरी नामक ईसाई धर्म पुरोहित के बारे में बताया जाता है कि वे रोम से तिब्बत तक का सफर को पैदल ही तय किया था, क्योंकि तिब्बत में ईसाइयों पर काफी जुल्म किया जा रहा था, वहां मिलने के लिए नेपाल के रास्ते फादर जोसेफ मेरी काफी मुश्किलों का सामना करते हुए पहुंचे. 20 अप्रैल 1745 को तिब्बत मिशन बंद करना पड़ा और 1745 में पाटन, नेपाल पहुंचे.राजा ध्रुव सिंह के शासन काल 1715 से 1762 ईस्वी है, इन्हीं के समय में फादर जोसेफ मेरी जिनके द्वारा बेतिया चर्च की स्थापना की गई, 7 दिसंबर 1745 को इनके बेतिया आने का प्रमाण मिलता है.  बताया गया कि पुराना गिरजाघर खाली जमीन पर स्थित था .सन 1934 के भूकंप में बेतिया की करीब-करीब सभी बड़ी पुरानी इमारतें तबाह हो गई ,जिनमें बेतिया अस्पताल, बेतिया राज इमामबाड़ा, महाराजा लाइब्रेरी, एवं कैथोलिक चर्च भी तबाह हो गया, अभी जो यह चर्च का बड़ा सा रूप देख रहे हैं वास्तव में 1934 के बाद 21 नवंबर 1949 को यह भव्य चर्च आपके सामने दोबारा बना.

                 

यह कैथोलिक चर्च सामने बनाया गया !यहां पर बनाया गया चंद वर्ष पूर्व तक इस चर्च में लोगों को मुफ्त दवाएं दी जाती रही हैं. यह चर्च पूरे चंपारण में होम्योपैथिक के मुफ्त चिकित्सा का केंद्र के रूप में जाना जाता रहा है. सर्वज्ञात है कि प्रारंभ में विदेशी पुरोहितों का दबदबा रहा है.सभी उच्च पदों पर शोभा बढ़ाते थे.इस बीच पटना धर्मप्रांत के बिशप अगस्टीन वाइल्डरमुथ एसजे ने पोप जॉन पॉल द्वितीय के पास अपना इस्तीफा प्रेषित कर दिया.जिसे पोप ने बिशप ऑगस्टीन वाइल्डरमुथ एसजे का इस्तीफा 28 मार्च 1980 को स्वीकार कर लिया.पोप बेनेडिक्ट 15 ने क्रांतिकारी कदम उठाया. 10 सितंबर 1919 को इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग कर पटना धर्मप्रांत बना दिया. पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 28 मार्च 1980 को ही पटना धर्मप्रांत और मुज़फ़्फ़रपुर धर्मप्रांत बनाने की घोषणा कर दी.उसके पहले भारतीय बिशप के रूप पटना धर्मप्रांत के प्रथम बिशप बेनेडिक्ट जे ओस्ता एसजे को और मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के प्रथम बिहारी बिशप के रूप में जौन बापतिस्ट ठाकुर को  6 मार्च 1980 को घोषित कर दिया.पटना धर्मप्रांत के प्रथम बिशप के रूप में बेनेडिक्ट जे ओस्ता ने 21 जून 1980 को विधिवत बिशप के रूप में अभिषेक हुआ.उसी तरह मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के प्रथम बिहारी बिशप के रूप में जौन बापतिस्ट ठाकुर का बिशप अभिषेक 24 जून 1980 को हुआ.

                    

मालूम हो कि 16 मार्च 1999 में पटना धर्मप्रांत को एक महाधर्मप्रांत के रूप में पदोन्नत किया गया था.इस महाधर्मप्रांत में बेतिया, भागलपुर, बक्सर, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया शामिल है. इस बीच मुज़फ़्फ़रपुर धर्मप्रांत को विभक्त कर बेतिया धर्मप्रांत 27 जून 1998 को सृजित किया गया. बेतिया धर्मप्रांत के लोकल कलीसिया चखनी पल्ली के विक्टर हेनरी ठाकुर को बिशप बनाया गया. बेतिया धर्मप्रांत के बिशप विक्टर हेनरी ठाकुर 27 जून, 1998 से 3 जुलाई, 2013 तक रहे. उसके बाद भागलपुर धर्मप्रांत के विकर जनरल पीटर सेबेस्टियन गोवेस को 22 जुलाई 2017 को बेतिया धर्मप्रांत का बिशप बनाया गया. आज सोमवार को बेतिया धर्मप्रांत का सिल्वर जुबली 9ः30 बजे से समारोही मिस्सा के साथ प्रारंभ हुआ.बेतिया धर्मप्रांत का कैथेड्रल का नाम नेटिविटी ऑफ दी ब्लेस्ड वर्जिन मेरी है समारोही में मिस्सा में विभिन्न धर्मप्रांतों के 6 बिशप शामिल हुए.मेजमान बेतिया धर्मप्रांत के बिशप सेबेस्टियन पीटर गोवेस, मुजफ्फरपुर काजीटेन फांसिस ओस्ता, भागलपुर के बिशप कुरियन वलियाकंदथिल, बक्सर जेम्स शेखर, रायपुर महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप  विक्टर हेनरी ठाकुर और एमेरिटस आर्चबिशप विलियम डिसूजा थे. अभी तक पूर्णिया धर्मप्रांत में बिशप नियुक्त नहीं किये गए है।  इस समारोह के मुख्य बात रही कि बेतिया के लोकनायक फादर जोसेफ मेरी व फादर आजिलो के मूर्ति का अनावरण किया गया. समारोह के समापन पर  डेढ़ हजार की संख्या में फादर, सिस्टर एवं लोक धर्मियों का प्रतिभोज का आनंद लिये.

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