- 300 से 400 करोड़ तक का बिकवाली व पूछताछ के आसार, शानदार सफलता के साथ संपन्न हुआ चार दिवसीय इंडिया कारपेट एक्स्पों
- वैश्विक स्तर पर निर्यात में कालीन नगरी ने लगाई लंबी छलांग : कैप्टन मुकेश
भदोही (सुरेश गांधी) बेलबूटेदार कलात्मक रंगों का इन्द्रधनुषी वैभव लिए हुए बेहद लुभावने यहां के गलीचे दुनिया के बाजारों में अपनी धाक आज भी बरकरार रखे हुए हैं, इसकी झलक इंडिया कारपेट एक्स्पों में दिखा। इसकी बड़ी वजह हाथ से बनी होने के साथ आकर्षक व टिकाउपन का होना है। बता दें, कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के त्तवावधान में कारपेट एक्सपो मार्ट, भदोही में आयोजित चार दिवसीय इंडिया कार्पेट एक्सपों का बुधवार को समापन हो गया। अगले फेयर में फिर मिलेंगे के बीच इक्सपोर्टव इम्पोर्टर अपने-अपने देश, राज्य व जिलों के लिए रवाना हो गए। फेयर आयोजकों का दावा है कि एक्स्पों में दुनियाभर से आएं 255 विदेशी खरीदारों और 250 से अधिक खरीद प्रतिनिधियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। इसमे मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राज़ील, बुल्गारिया, कनाडा, इजिप्ट, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कज़ाकिस्तान, स्वित्ज़रलैंड, ताइवान, टर्की, युएसए जैसे देश शामिल है। प्रतिभागियों से मिली प्रतिक्रिया के अनुसार 3000-4000 बिजनेस इंक्वारी प्राप्त हुई, जिससे 300-400 करोड़ का व्यापार होने की उम्मीद है। सीईपीसी प्रशासनिक समिति के सदस्यों ने बताया कि एक्स्पों में भाग लेने वाले निर्यातकों से प्राप्त प्रतिक्रिया के अनुसार भागीदार तथा खरीदार दोनों बहुत खुश थे। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का ऐसा मंच प्रदान करने के लिए प्रतिभागियों ने प्रशासनिक समिति के सदस्यों को धन्यवाद दिया है। सीईपीसी के अध्यक्ष मुकेश कुमार गोम्बर, प्रशासनिक समिति के सदस्य महावीर प्रताप शर्मा, मो. वासिफ अंसारी, सूर्यमणि तिवारी, रोहित गुप्ता, अनिल कुमार सिंह, श्रीराम मौर्य, फिरोज वजीरी, असलम महबूब, दर्पण बरनवाल, इम्तियाज अहमद, राम दर्शन शर्मा, गुलाम नवी भट्ट, कुलदीप राज वाटल, शेख आशिक अहमद, बोधराज मल्होत्रा, विजेंद्र सिंह जागलान एवं डॉ स्मिता नागरकाटि अधिशासी निदेशक सचिव सहित इस एक्सपो की सफ़लता से काफी प्रसन्न थे। सीईपीसी भारतीय हस्तनिर्मित कालीन उद्योग के सर्वोत्तम हित में सभी सदस्यों-निर्यातकों से समान सहयोग और समर्थन का अनुरोध करता है।
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