सीहोर : पूंजीपति क्या जानें किसान का दर्द, वह तो अपना मुनाफा देखते हैं : शशांक सक्सेना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 7 नवंबर 2023

सीहोर : पूंजीपति क्या जानें किसान का दर्द, वह तो अपना मुनाफा देखते हैं : शशांक सक्सेना

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सीहोर। मंगलवार को कांग्रेस प्रत्याशी शशांक सक्सेना ने जनसंपर्क के दौरान ग्रामीणों से संवाद करते हुए कहा कि मेरे परिवार ने किसानों के हक-अधिकारों की लडाई लडी है। हर परिस्थिति में साथ खडे रहे। मैं भी आपके दुख-सुख में साथ खडा रहूंगा। हर ग्रामीण मेरे परिवार का सदस्य है और उनका ध्यान रखना मेरी जिम्मेदारी। कहा कि जिन्होंने गांव नहीं देखे, खेत नहीं देखे, बारिश, सर्द, मौसम की जानकारी नहीं ऐसे लोग सत्ता में आ गए हैं, पूंजीपतियों को आपके दुख दर्द से कोई वास्ता नहीं वह तो अपना मुनाफा देखते हैं। वोट लेने आएंगे फिर कभी गांवों में दिखाई नहीं देंगे। मंगलवार को सीहोर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी शशांक सक्सेना ने विधानसभा क्षेत्रों के ग्रामों का सघन जनसंपर्क किया। इस दौरान वह ग्राम मानपुरा, मोतीपुरा, रातवतखेडा, आछारोही, छतरपुरा, सांकला, काकूलखेडी, तिनोनिया, गुन्दी, वनखेडा, अहमदपुर में घर घर जाकर लोगों से मिले। ग्रामों में श्री सक्सेना का जोरदार स्वागत किया गया।


शशांक सक्सेना ने ग्रामीणों से कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधि किसान हितेषी बनते हैं लेकिन किसान किन परिस्थितियों में अपना जीवन निर्वहन कर रहा है इन्हें नहीं पता। मंहगाई की मार दूसरी अफसरों की मनमानी ने किसानों का जीवन त्रस्त कर रखा है। एक तो किसानों को उचित बिजली नहीं मिलती तो दूसरी और बिजली अफसर किसानों पर झूठे मुकदमें दर्ज कर जेल भेजते हैं। क्षेत्र में खरीफ फसलें बेमौसफ बारिश से बर्बाद हुई लेकिन किसानों को एक रूपए भी मुआवजा नहीं मिला। फसल बीमा योजना में प्रीमियम काटा जा रहा है लेकिन बीमा नही मिलता। बिजली विभाग, पंचायतों, तहसील, जनपद, कृषि महकमें में किसान अपने हक के लिए भटकते रहते हैं। लेकिन उनकी कोई नहीं सुनता। कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने घोषणा पत्र बनाया गया है। खेती के लिए पांच हार्स पावर बिजली निशुल्क जबकि 10 हार्स पावर पर छूट। दो रूपए किलो प्रतिदर से गोबर खरीदा जाएगा। गौशालाएं बनाई जाएंगी, सहकारिता को बढावा देंगे। मछुआ कृषकों को अधिकार मिलेंगे। श्री सक्सेना ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की। कहा कि अपने बीच के व्यक्ति को चुने जो आपके साथ खडा हो सके। पूंजीपति लोग सिर्फ चुनाव चुनाव ही गांव में दिखाई देंगे, फिर नहीं आएंगे। इसलिए मताधिकार सोच समझकर करें। 

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