पटना : आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने विधानसभा का किया घेराव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 7 नवंबर 2023

पटना : आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने विधानसभा का किया घेराव

  • 5 सूत्रीय मांगें नहीं मानी गई तो वो चुनाव में ऐसे लोगों को वोट नहीं देंगी
  • उनका कहना है कि जो हमारी बात सुनेगा, वहीं कुर्सी पर राज करेगा

Anganwadi-protest-patna
पटना. बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र मंगलवार 6 नवंबर से शुरुआत हो चुकी है.मंगलवार 7 नवंबर को सत्र का दूसरा दिन है.दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के बाहर आंगनबाड़ी सहायिका और सेविकाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया.गेट के बाहर सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी सेविका पहुंच गईं और अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. अखिल भारतीय सेविका/सहायिका कर्मचारी संघ के बैनर तले 29 सिंतबर से बेमियादी हड़ताल पर हैं. प्रदेश अध्यक्ष कुमारी रंजना ने अपनी 5 सूत्री मांगों के बारे में कहा कि 1. बिहार सरकार के द्वारा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि 10000 सुनिश्चित किया जाए. 2. केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए ग्रेड सी एवं ग्रेड डी में समायोजित किया जाए. 3.जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं होता है तब तक सेविकाओं को 25000 एवं सहायिका को 18000 मानदेय राशि दी जाए.4. योग्य सहायिका और सेविका की बहाली के लिए अतिरिक्त पहली प्राथमिकता दी जाए. 5. सेविका से महिला प्रवेशिका में बहाली करने में प्राथमिकता दी जाए. प्रदेश अध्यक्ष कुमारी रंजना ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार अपने ही वादे से फिरने के बाद सत्ता की हनक मजलूम आंगनवाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं पर उतार रही है.इससे नाराज होकर शुक्रवार 3 नवंबर को आंगनवाड़ी सेविकाओं ने पटना के हृदय स्थल डाक बंगला चौक को पूरी तरह से जाम कर दिया और  अपने माँगो को लेकर जमकर हंगामा और प्रदर्शन किया. वहीं आंगनबाड़ी सेवक सेविकाओ के धरना प्रदर्शन के कारण पटना का हार्ट कहे जाने वाला डाकबंगला चौराहा जाम और चौराहे पर यातायात व्यवस्था ठप्प  हो गई. उसी दिन पटना जिला के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह को ज्ञापन दिया.ज्ञापन लेने के बाद जिलाधिकारी ने कहा कि आपकी मांगों को सरकार के समक्ष पहुंचा देंगे और उसकी जानकारी संघ को देंगे.जानकारी देने के सवाल पर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कहा कि 6 नवंबर से विधानसभा की शीतकालीन सत्र होने वाला है.हमलोग प्रदर्शन करेंगे.इस लिए आप 5 नवंबर तक जानकारी देंगे कि सरकार का क्या रुख है.

       

सरकार का क्या रूख पता नहीं चलने के कारण मंगलवार 7 नवंबर को अपनी पाँच सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी पटना में स्थित बिहार विधानसभा का घेराव करने पहुँची.इन महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस प्रशासन ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. इस दौरान कई महिलाएं बेहोश हो गई. बिहार विधानसभा के 6 से 10 नवंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहां 70 मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी तैनात है.बिहार में संचालित 1.14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात करीब 2.15 लाख आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर हड़ताल पर है.जिसके आंगनवाड़ी केंद्र पिछले 39 दिनों से बंद हैं. इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से नीतीश बाबू ने उनका मानदेय दोगुना करने का वायदा किया था, लेकिन वादा पूरा करने की जगह बिहार सरकार इन आंदोलनकारी महिलाओं पर सख्ती कर रही है.सरकार इनके आंगनवाड़ी केंद्रों पर नोटिस चिपका रही हैं कि अगर उन्होंने ये नहीं खोले तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.इससे नाराज आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी अपना आंदोलन तेज कर दिया. इस दौरान सदन में बिहार विधान सभा में बीजेपी नेता विजय सिन्हा बोले, “गाँव-समाज में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली आंगनवाड़ी सेविका बहनों पर महागठबंधन सरकार का लाठी चार्ज करवाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.महागठबंधन की सरकार इनकी आवाज को दबाना चाहती है. सरकार विधानसभा में भी आंगनवाड़ी सेविकाओं के विषय पर जवाब देने से पीछे हट रही है.” गौरतलब है कि बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सेविका और सहायिकाओं ने शनिवार (4 नवंबर,2023) को सांसद सुशील कुमार सिंह को अपनी माँगों का ज्ञापन सौंपा था. सेविका और सहायिकाएँ इस दौरान, ‘लाल साड़ी करे पुकार, हम नहीं सहेंगे अत्याचार’ का नारा लगाती रहीं. सांसद सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहानुभूति आपके साथ है. लोकसभा का एक सत्र चलने वाला है. वो 17वीं लोकसभा के कार्यकाल में अध्यक्ष से अनुरोध करेंगे. अगर मौका मिलता है, तो मजबूती से उनकी मांग उठाएंगे. इस बारे में सरकार को पत्र लिखेंगे.

कोई टिप्पणी नहीं: