तीसरे दिन 'मानवता के लिए वैश्विक संविधान' नामक विषय पर चर्चा हुई, जिसमें छात्रों को मानवता के लिए समृद्धि और समृद्धि के लिए एक सामाजिक संविधान की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह विषय छात्रों को जागरूक करने का कारगर तरीका प्रदान करता है ताकि वे समाज में अधिक योजनाएं बना सकें और मानवता की सेवा कर सकेंसमाप्ति दिवस का विषय 'मानव जीवन के लिए 3 परतदृष्टि' था, जिसमें छात्रों को जीवन के तीन परतदृष्टियों - भौतिक, मानसिक, और आध्यात्मिक - का समर्थन करने के महत्वपूर्णीया ज्ञान दिया गया। यह सेमिनार छात्रों को जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और उन्हें समृद्धि की दिशा में मार्गदर्शन करने में सहारा प्रदान करने का एक बहुमूल्य अवसर प्रदान करता है। इस सेमिनार के माध्यम से छात्रों को न केवल अद्वितीय शिक्षा, बल्कि उच्चतम जीवन के लिए आवश्यक ज्ञान और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि छात्र इस समर्थन शृंगार समारोह से प्रेरित होंगे और इसका लाभ उच्चतम जीवन में उन्हें उत्कृष्टता की दिशा में मदद करेगा।
दरभंगा, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कैम्पस में हुई एच.जी सत्य नारायण दास और एच.जी रमन रेती दास द्वारा संगठित सेमिनार ने छात्रों को जीवन के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करने में एक नए दृष्टिकोण प्रदान किया। यह आयोजन 3 जनवरी से 6 जनवरी तक हरिकृष्ण भक्ति मिशन के आचार्यों के सहयोग से किया गया था, जिसमें विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ व्याख्यानकारों ने छात्रों को प्रेरित किया और उन्हें जीवन के सारथि बनाने की मार्गदर्शन की गई। सेमिनार का पहला दिन 'कॉसमोस के पीछे इंजीनियरिंग' पर था, जिसमें छात्रों को ब्रह्मांड के रहस्यमय अभियांत्रिकी की समझ बढ़ाई गई। यह विषय छात्रों को अनुपम रचनात्मकता और विचारशीलता के साथ यह बताने का मौका दिया कि कैसे वे अपने जीवन को एक सृष्टि से समर्थन कर सकते हैं।दूसरे दिन का विषय 'परिचिति के पार' था, जिसमें छात्रों को जीवन के परिचिति से बाहर की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया गया। एच.जी सत्य नारायण दास ने बताया कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी सीमाओं को पार करें और नए और उच्चतम स्तरों की ओर बढ़ें।
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