- जिले में टीबी के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा
- जनवरी से दिसंबर तक 6856 मरीज टीबी के मरीज चिन्हित
वर्ष 2023 में 6856 टीबी मरीज हुए चिह्नित :
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक 6856 टीबी की मरीज चिह्नित किए गए हैं। जिसमें अंधराठारी से 121, बाबूबरही से 137, बासोपट्टी में 124, बेनीपट्टी 672, विस्फी 139, घोघरडीहा 71, हरलाखी 132, जयनगर 511, झंझारपुर 533, कलुआही 56, खजौली 113, खुटौना 157, लदनियां 150, लखनौर 678, लौकही 50, मधेपुर 283, मधुबनी सदर में 2210, माधवपुर में 119, पंडोल में 372, फुलपरास में 99, व राजनगर में 159 टीबी के मरीज चिन्हित किए गए हैं। वहीं जिले में एमडीआर टीबी के 260 मरीज चिन्हित किया गया है। एमडीआर के मरीजों का उपचार 9 माह से 2 साल तक चलता है।
सरकारी अस्पताल में ही कराएं अपने टीबी का इलाज़ : सीडीओ
डीपीसी पंकज कुमार ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी इलाज से लेकर जांच तक की व्यवस्था बिल्कुल निःशुल्क है। सबसे ख़ास बात यह है कि दवाओं के साथ टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार के लिए पांच सौ रुपये प्रतिमाह सहायता राशि भी दी जाती है। इसके बावजूद देखा जा रहा है कि कुछ लोग इलाज कराने के लिए बड़े-बड़े निजी अस्पतालों या फिर बड़े शहर की ओर रुख कर जाते हैं। हालांकि फिर वहां से निराश होकर संबंधित जिले के सरकारी अस्पतालों की शरण में ही आना पड़ता है। आपको जैसे ही टीबी के बारे में पता चलता है तो सबसे पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल जाकर जांच कराएं। जिले में अब टीबी के इलाज के साथ मुकम्मल निगरानी और अनुश्रवण की व्यवस्था की जाती है।
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