- एफएफएफ के एक दिवसीय सेमिनार में चार जिलों से 120 शीर्ष म्यूच्यूअल फंड वितरकों ने भाग लिया
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वाराणसी (सुरेश गांधी) फाइनेंशियल फ्रीडम फ्रैटर्निटी (एफएफएफ) के तत्वावधान में शुक्रवार को एक दिवसीय समिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर पूर्वांचल के चार जिलों से 120 शीर्ष म्यूच्यूअल फंड वितरकों ने भाग लिया। ठुकराल कैपिटल मार्केट (टीसीएम) के संचालक एवं सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट अशोक ठुकराल ने प्रतिभागियों के बीच धन बनाने के बारे में विस्तार से अपने विचार साझा किए। इस दौरान उन्होंने अपनी सफलता का राज बताते हुए कहा कि उनके लिए इंवेस्टर का हित सर्वोपरि है। वे पहले इंवेस्टर्स का ख्याल रखते हूं, बाद में अपना। उन्होंने कहा कि अगर किसी को पैसे की सख्त जरुरत है तो वे बिना किसी सवाल के सबसे पहले भुगतान करते है, अपने इंवेस्टमेंट की बात बाद में करता हूं। खास यह है कि हम जो स्कीम अपने हित नत रिश्तेदारों को बताते या देते हैं, वहीं अपने क्लाइंट के लिए भी करते है। एके ठुकराल ने कहा कि हाल के दौर में लो मार्जिन हाई टर्नओवर का फार्मूला अपनाना होगा। मतलब साफ है इस समय वाल्यूम पर ध्यान देने की जरुरत है, अपने मार्जिन पर नहीं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बिक्री बढ़ाकर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. बाद में मांग मजबूत होने पर मार्जिन पर भी ध्यान दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अधिक उत्पादन क्षमता के इस्तेमाल से उनकी औसत फिक्स्ड कॉस्ट (निश्चित लागत) कम होगी. यह तब तक जारी रहेगा, जब तक बाजार में उनके प्रोडक्ट की मांग स्थिर और ठोस न हो जाए. इस रणनीति का एकमात्र मकसद है कि अपनी क्षमता को पूरी तरह भुनाते हुए बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाना. इसका असर कंपनी की कमाई की ग्रोथ पर पड़ने वाला है. शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है, मगर मांग स्थाई रहने पर बढ़ी मार्केट हिस्सेदारी का लाभ निश्चित तौर पर मिलेगा.
वितरक द्वारा अयोध्या के मुकाबले बनारस में कम इंवेस्टर्स या डेवलप की बात पूछे जाने पर एके ठुकराल ने कहा कि अयोध्या राम की जन्मभिम है तो काशी सांस्कृतिक राजधानी के साथ-साथ मोक्ष की नगरी है, जहां कर किसी की इच्छा होती है, जीवन के अंतिम दिनों में वह काशी में ही अपने प्राण त्यागे। ऐसे में अयोध्या से ज्यादा काशी में इंवेसटर्स मिलेंगे। इस दौरान एके ठुकराल ने अपने जीवन के संघर्षो को साझा करते हुए बताया कि किस तरह प्रयागराज से लेकर, भदोही, वाराणसी व गुडगाव तक का सफर किया। इस मौके पर अनिरुद्ध चौधरी ने कहा कि फाइनेंसियल फ्रीडम आज के समय में हर व्यक्ति की जरूरत बन गया है। इससे आप अपने वित्तीय लक्ष्य को बड़े आसानी से हासिल कर सकते हैं। आज के दौर में वित्तीय स्वतंत्रता या फाइनेंसियल फ्रीडम हर व्यक्ति पाना चाहता है, जिससे वह अपने परिवार के साथ मनचाही लाइफस्टाइल जी सके। इसके लिए जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करें। इसके लिए आपको कितना समय और धन चाहिए होगा। इसके हिसाब से ही आपको पैसे बचाने चाहिए। कनक जैन ने वितरकों के बीच संपत्ति आवंटन के लिए परिस्थितिकता खेलों का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि एफएफएफ एक प्लेटफ़ॉर्म है, जो भारतभर में कार्यरत है। जिसका पर्यवेक्षण कनक जैन द्वारा किया जाता है, जो कोलकाता में स्थित है, जो म्यूच्यूअल फंड निवेशकों के लाभ के लिए हुआ था। इस मौके पर अनिल झांवर, राजेश तुलसियान और चंदन सिंह ने अपनी सफलता की कहानियां साझा की। सेमिनार में विजयेन्द्र दत्त दुबे, कमोज गोयल, सुजीत अधिकारी, अवनीश अग्रवाल मौजूद थे। सेमिनार का संचालन राजीव शाह ने की।
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