सीहोर। शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी गुप्त नवरात्रि मनाई जा रही है। रविवार को दूसरे दिन मंदिर के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा, गोविन्द मेवाड़ा, जिला संस्कार मंच की ओर से जितेन्द्र तिवारी, ज्योतिषायार्च पंडित गणेश शर्मा, मनोज दीक्षित मामा, कमलेश राय, सुभाष कुशवाहा सहित अन्य ने मां ब्रह्मचारिणी के साथ यहां पर मौजूद कन्याओं की पूजा अर्चना के पश्चात और आरती का आयोजन किया गया और उसके उपरांत प्रसादी का वितरण किया। पंडित श्री शर्मा ने बताया कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की गई। ये मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप और नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। मां दुर्गा का यह स्वरूप ज्योर्तिमय है। ब्रह्मा की इच्छाशक्ति और तपस्विनी का आचरण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है। साथ ही कुंडली में मंगल ग्रह से जुड़े सारे दोषों से मुक्ति मिल जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सभी कार्य पूरे होते हैं, रुकावटें दूर होती हैं और विजय की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जीवन से हर तरह की परेशानियां भी खत्म होती हैं। उन्होंने बताया कि शास्त्रों में बताया गया है कि मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया और महर्षि नारद के कहने पर अपने जीवन में भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। हजारों वर्षों तक अपनी कठिन तपस्या के कारण ही इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा। उन्हें त्याग और तपस्या की देवी माना जाता है। अपनी इस तपस्या की अवधि में इन्होंने कई वर्षों तक निराहार रहकर और अत्यन्त कठिन तप से महादेव को प्रसन्न कर लिया।
रविवार, 11 फ़रवरी 2024
सीहोर : जीवन से हर तरह की परेशानियां भी खत्म होती : पंडित गणेश शर्मा
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