आगे बताया गया कि माथे पर लगाए जाने वाले राख का निर्माण बीते वर्ष आशीष की गई खजूर के पत्तों से तैयार किया जाता है.मालूम हो कि प्रतिवर्ष खजूर की डालियों को आशीष, पास्का पर्व के ठीक एक सप्ताह पहले रविवार के दिन किया जाता है. जरूरत के अनुसार राख की आशीष और उसका वितरण बिना मिस्सा के भी किया जा सकता है.राख, ख्रीस्त विश्वासियों के आंतरिक पश्चाताप का बाहरी चिन्ह है. शरीर का निर्माण मिट्टी से हुआ और एक दिन यह पुनः मिट्टी में मिल जाएगा.इस राख को धारण कर ईसाई यह प्रण लेते हैं कि उपवास, प्रार्थना, पुण्य का काम और दान-धर्म के द्वारा यीशु ख्रीस्त के शिक्षा का पालन करेंगे और उसके अनुसार अपना जीवन बिताएंगे. इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल, बिहार,पटना के महासचिव एस.के. लॉरेन्स के नेतृत्व में चैदहवीं बार प्रभु येसु के दुखभोग (प्राण दण्ड की आज्ञा होने के उपरांत सूली पर चढ़ाये जाने तक की प्रभु येसु की कष्ट मय यात्रा ) से संबंधित ‘मुसीबत‘ नामक भक्तिमय गीत तथा प्रार्थना का धार्मिक कार्यक्रम प्रारंभ हुआ.आज सर्व प्रथम यह भक्तिमय कार्यक्रम स्वर्गीय रिचर्ड अब्राहम के निवास स्थान चश्मा सेंटर गली, कुर्जी में संपन्न हुआ।जिसमें काफी संख्या में भक्त जन शामिल हुए.इस विशेष गीत को गाने वाले मुख्य रूप से एस .के लॉरेन्स के साथ-साथ क्लारेंस हेनरी, सुजित ओस्ता,प्रदीप केरोबिन, प्रकाश अब्राहम,अलका पौल,रीता अगस्टीन, संध्या ओस्ता,सिरिल मरांडी,कमल डेविड,रोड्रिक पीटर,प्रवीण साह तथा स्वर्गीय रिचर्ड अब्राहम के परिवार के सदस्यों के अलावा काफी संख्या में भक्त जन शामिल हुए। यह भक्तिमय ‘मुसीबत‘ नामक कार्यक्रम ईसाई बहुल इलाकों तथा चर्चों में गुडफ्रायडे के दिन तक प्रत्येक बुधवार तथा शुक्रवार को कराया जाएगा.

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें