पटना. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के दो विधायकों द्वारा पाला बदलने से सख्त नाराजी व्यक्त किया जा रहा है.इस संदर्भ में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है. वे अपने शीर्ष नेतृत्व के साथ बुधवार को विधान सभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव से मिलकर अपने दोनों विधायकों (पूर्व मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम एवं विक्रम विधायक सिद्धार्थ सौरभ) क्षोभ व्यक्त की एवं उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की. इसके अलावा कांग्रेस नेतृत्व द्वारा एक ज्ञापन भी विधान सभा अध्यक्ष को सौंपा गया है. इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए डा0 सिंह ने कहा कि कांग्रेस एक विशाल और देश की सबसे पुरानी पार्टी है. इस तरह की घटना का कोई असर नहीं पड़ने वाला लेकिन इतना जरूर हुआ है कि भाजपा का करतूत भी उजागर हुआ. लोग जानते हैं कि भाजपा जनप्रतिनिधियों को मंडी का सामान समझती है और बार-बार इसको साबित भी करती है. यह सब जानते हैं कि भाजपा है तो खरीद-फरोख्त करेगी ही. सत्ता भोगने के लिए दूसरे दलों को तोड़ना और प्रजातंत्र का बलात्कार करना भाजपा की पहचान बन चुकी है. सच तो ये है कि अगर भाजपा बहुमत पाने में पिछड़ी तो मंडी सजेगी और तांडव होगा. मोदी की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में देश ने यह अनुभव किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में विधानसभा पहुंचने वाले प्रतिनिधि मंडल में कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता शकील अहमद खान, पार्टी के मुख्य सचेतक राजेश कुमार, डा0 मदन मोहन झा, विधायक विजय शंकर दूबे, अजित शर्मा, अफाक आलम, आनन्द शंकर, मुन्ना तिवारी, बिजेन्द्र चौधरी, अजय कुमार सिंह, इजहारूल हुसेन, संतोष मिश्रा एवं समीर कुमार सिंह शामिल थे.
बुधवार, 28 फ़रवरी 2024

पटना : जनप्रतिनिधियों को भाजपा समझती है मंडी का सामान : डा अखिलेश
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें