- भाजपाईयों ने शुरु की ’चौकीदार’ जैसी मुहिम
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वाराणसी (सुरेश गांधी) परिवार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लालू यादव की टिप्पणी बैकफायर होने लगी है. 2019 की ही तरह बीजेपी नेताओं ने सोशल मीडिया पर बॉयो में नाम के साथ ’मोदी का परिवार’ जोड़ना शुरू कर दिया है। मतलब साफ है लोक सभा चुनाव से पहले भाजनपाईयों की ये मुहिम एक बार फिर विपक्ष के खिलाफ जाती हुई लग रही है. यहां जिक्र करना जरुरी है कि मोदी को लेकर ऐसे विवादित बयान पहले भी दिये जाते रहे हैं. जिनमें सोनिया गांधी का ’मौत का सौदागर’ और मणिशंकर अय्यर का ’चायवाला’ कहना भी शामिल है। लेकिन हमेशा ही ऐसे दांव उलटे पड़े हैं. सवाल है कि क्या मोदी पर निजी हमले के मामले में लालू यादव ने भी राहुल गांधी वाली गलती दोहरा दी है? मोदी कहते हैं, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए मैंने घर छोड़ा था. 140 करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं. मेरा भारत, मेरा परिवार है. बता दें, पटना के गांधी मैदान में आयोजित रैली में लालू यादव का मोदी पर हमला अभी से ही पॉलिटिकल ब्लंडर जैसा लगने लगा है. परिवार और संतान को लेकर रैली में लालू यादव ने कहा था, ‘अगर नरेंद्र मोदी के पास अपना परिवार नहीं है तो हम क्या कर सकत हैं. वो राम मंदिर के बारे में डींगें हांकते रहते हैं. वो सच्चे हिंदू भी नहीं हैं.’ ये ठीक है कि आरजेडी नेता लालू यादव ने मोदी को परिवारवाद की राजनीति के मुद्दे पर अपने तरीके से काउंटर करने की कोशिश की है, लेकिन लगता है दांव उलटा पड़ गया है। लाल यादव के बयान के विरोध में अब तमाम बीजेपी नेता अपने डीपी हैंडल पर नाम के आगे ’मोदी का परिवार’ लिख लिया है। बीजेपी ये मुहिम भी 2019 की तरह चला रही है जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नाम के पहले ’चौकीदार’ लिख कर राहुल गांधी के स्लोगन ’चौकीदार चोर है’ की न सिर्फ हवा निकाल दी थी, बल्कि चुनाव में मुद्दा बनने ही नहीं दिया. नतीजे भी बीजेपी के पक्ष में आये.
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हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में परिवारवाद की राजनीति को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं पर शुरू से ही हमलावर रहे हैं। समय समय पर विपक्षी दलों की तरफ से इसे अलग अलग तरीके से काउंटर किया जाता रहा है. महागठबंधन छोड़ने से कुछ ही दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी परिवारवाद की राजनीति का जिक्र कर राजनीतिक दलों को निशाना बनाया था. नीतीश कुमार जेडीयू के अध्यक्ष हैं, लेकिन पार्टी में उनके परिवार से कोई भी नहीं है, जैसे बिहार में ही आरजेडी और लोक जनशक्ति पार्टी जैसे राजनीतिक दलों में देखने को मिलता है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बहाने नीतीश कुमार का कहना था कि कर्पूरी ठाकुर ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. नीतीश कुमार ने कहा था, आज कल लोग अपने परिवार को बढ़ाते हैं. कर्पूरी ठाकुर के नहीं रहने के बाद उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को हमने बनाया. हमने भी कर्पूरीजी से सीखकर ही परिवार में किसी को नहीं बढ़ाया. अव्वल तो नीतीश कुमार एक तरह से समझाने की कोशिश की थी, जेडीयू नेता के निशाने पर राहुल गांधी थे, लेकिन मुद्दा ऐसा था कि नीतीश कुमार के हमले के दायरे में लालू यादव और चिराग पासवान स्वाभाविक रूप से आ गये. खीझ तो लालू यादव के मन में नीतीश कुमार को लेकर भी रही होगी, लेकिन उनके खिलाफ परहेज की वजह से आरजेडी नेता ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही टारगेट कर लिया। लालू के हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में कहते हैं, मेरे परिवार को लेकर मुझ पर निशाना साधा गया. अब पूरा देश बोल रहा है... मैं हूं मोदी का परिवार। मोदी का कहना था, परिवारवादी पार्टियों के चेहरे अलग हो सकते हैं लेकिन चरित्र एक ही होता है. मैं सवाल उठाता हूं तो कहते हैं मोदी का परिवार नहीं है। अब कह देंगे तुम कभी जेल नहीं गये, इसलिए नेता नहीं बन सकते. मेरा जीवन खुली किताब जैसा है. मेरी पल-पल की खबर देश रखता है. जेल जाने की बात मोदी ने लालू के लिए कही. लालू यादव असल में चारा घोटाले में सजायाफ्ता हैं और जेल से जमानत पर रिहा होकर राजनीतिक गतिविधियों में काफी दिनों से खासे एक्टिव हैं. मोदी कहते हैं, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए मैंने घर छोड़ा था. 140 करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं. मेरा भारत, मेरा परिवार है. मोदी के भाषण के दौरान ही सामने बैठी भीड़ जोर जोर से नारेबाजी शुरू कर देती है, ‘मैं हूं मोदी का परिवार.’ बिलकुल वैसे ही जैसे 2019 में बीजेपी क की मुहिम चल रही थी और लोग कह रहे थे, मैं हूं चौकीदार.
मोदी पर कई बार हुए हैं ऐसे निजी हमले
देश लोक सभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है, सबसे जीती जागती मिसाल तो 2019 के आम चुनाव से ही है. तब राफेल डील को लेकर राहुल गांधी पूरे चुनाव के दौरान अपनी रैलियों में नारे लगवाते रहे, चौकीदार चोर है. इस बार तो बीजेपी नेताओं ने अपने नाम के साथ ’मोदी का परिवार’ लिखना शुरू किया है, पिछली बार तो राहुल गांधी के कैंपेन का काउंटर मोदी ने खुद अपने नाम के पहले ’चौकीदार’ लिख कर किया था, और देखते ही देखते सारे बीजेपी नेता और समर्थक अपने नाम में चौकीदार शब्द जोड़ चुके थे. हालांकि, कुछ बीजेपी नेताओं ने थोड़ा सोचने समझने के बाद ये काम किया था. अब भी मामला ऐसा ही नजर आ रहा है.
लालू के बयान पर भड़के जीतेंद्रानंद
राजद नेता तेजस्वी यादव की पटना में आयोजित जन विश्वास यात्रा में लालू प्रसाद यादव के उस बयान पर काशी के संत-समाज ने नाराजगी जताई जिसमें यह कहा गया था कि ‘प्रधानमंत्री मोदी हिंदू नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी मां के निधन पर अपने सिर और दाढ़ी के बालू नहीं कटवाए।’ इस बयान पर रोष जताते हुए अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद्र सरस्वती ने कहा है कि ये वही लालू हैं जिन्होंने राहुल गांधी को पितृपक्ष के समय मटन बनाना सिखाया था। आज वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू न होने को सर्टिफिकेट दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पितृपक्ष के समय मटन खाने वाला व्यक्ति हिंदू कैसे हो सकता है? जीतेंद्रानंद ने कहा कि लालू की पत्नी राबड़ी देवी अपने घर में ताजिया रखती हैं। कहा कि आप ही वो शख्स हैं, जिन्होंने एक रैली में सार्वजनिक रुप से अयोध्या में प्रभु श्रीराम के पैदा होने पर सवाल उठाया था, प्रमाण मांगा था। ऐसे कृत्य करने वाले पीएम मोदी या अन्य सनातनियों को हिंदुत्व की परीभाषा न सिखाएं। आज पीएम मोदी के कारण ही सभी सनातनियों को उनके संघर्षों का परिणाम 495 वर्ष बाद मिला है।
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